आचार्य तुलसी क्षेत्रीय कैंसर उपचार केंद्र में एक 14 वर्षीय बच्चे का बहुत दुर्लभ ऑपरेशन सफल हुआ



बीकानेर , 1 सितम्बर। पीबीएम अस्पताल के आचार्य तुलसी क्षेत्रीय कैंसर उपचार केंद्र में एक 14 वर्षीय बच्चे के सीने से कैंसर की गांठ को सफलतापूर्वक हटाकर उसकी जान बचाई गई है। यह एक दुर्लभ और जटिल ऑपरेशन था, जिसमें करीब 7 घंटे लगे।
जटिल सर्जरी और पुनर्निर्माण
नागौर के इस बच्चे को छाती में गांठ की शिकायत थी। जांच में पता चला कि उसे सॉफ्ट टिश्यू सार्कोमा (छाती की दीवार का कैंसर) था, जो दूसरी पसली और आसपास की मांसपेशियों तक फैल चुका था। यह एक जानलेवा स्थिति थी।
प्रोफेसर डॉ. संदीप गुप्ता के नेतृत्व में, सर्जिकल टीम ने ट्यूमर, प्रभावित पसली और मांसपेशियों को हटा दिया। इसके बाद, पीठ की मांसपेशी और एक विशेष जाली (प्रोलिन मेष) का उपयोग करके बच्चे की छाती का पुनर्निर्माण किया गया। इस प्रक्रिया से उसके दिल और फेफड़ों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षित रखा जा सका।




चिकित्सा टीम का योगदान
इस जटिल सर्जरी को सफल बनाने में एनेस्थीसिया विभाग की टीम का अहम योगदान रहा, जिसमें डॉ. कांता भाटी, डॉ. पीरू, डॉ. धीरज, डॉ. नजीला, डॉ. अजय, और डॉ. पुलकित शामिल थे। ऑपरेशन थियेटर (ओटी) के नर्सिंग स्टाफ महेंद्र, सरोज, अभिलाषा, रविंद्र, पूनम, और ओटी इंचार्ज संतोष तंवर, कृष्णा स्वामी, और सुनीता ने भी विशेष भूमिका निभाई।


दुर्लभ बीमारी और सरकार की पहल
आचार्य तुलसी कैंसर हॉस्पिटल की निदेशक डॉ. नीति शर्मा ने बताया कि बच्चों में इस तरह का कैंसर बहुत दुर्लभ होता है, जो प्रति 10 लाख बच्चों में सिर्फ 8-9 मामलों में पाया जाता है। पीबीएम अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि यह पूरी सर्जरी राजस्थान सरकार की आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निःशुल्क की गई। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. रेखा आचार्य ने कहा कि पीबीएम अस्पताल उच्च गुणवत्ता वाले कैंसर उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऑपरेशन के बाद बच्चा फिजियोथेरेपी से अच्छी तरह से ठीक हो रहा है।