कृषि विवि: जोधपुर-बीकानेर के वीसी की वित्तीय अनियमितताओं की जांच पूरी, कमेटी ने राजभवन में सौंपी रिपोर्ट


जोधपुर, 11 जुलाई। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के कार्यवाहक और स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. अरुण कुमार के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों पर गठित राजभवन की हाईपावर कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट राजभवन को सौंप दी है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कमेटी ने दोनों विश्वविद्यालयों में कुछ शिकायतों को सही ठहराया है, जबकि कुछ आरोपों को पुष्ट प्रमाण नहीं मिलने के कारण खारिज किया गया है। फिलहाल रिपोर्ट पर राज्यपाल स्तर पर विचार-विमर्श जारी है कि कुलपति को क्लीन चिट दी जाए या कार्रवाई की सिफारिश की जाए। प्रो. अरुण कुमार के खिलाफ जोधपुर और बीकानेर दोनों विश्वविद्यालयों में कार्यकाल के दौरान कई वित्तीय गड़बड़ियों की शिकायतें राजभवन तक पहुंची थीं। इस पर राज्यपाल ने जोधपुर संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय हाईपावर कमेटी गठित की थी, जिसे दोनों विश्वविद्यालयों की जांच का जिम्मा सौंपा गया था।




कमेटी ने पिछले माह कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर की रिपोर्ट राजभवन को सौंप दी थी, जिसमें करीब 14.50 करोड़ रुपये की राशि को सरकारी नियमों के विरुद्ध निजी बैंकों में ट्रांसफर करवाने सहित अन्य गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। दर्जनों शिकायतों में से कुछ को कमेटी ने प्रमाणित भी माना था। हालांकि, तब तक बीकानेर विश्वविद्यालय की रिपोर्ट लंबित रहने के कारण जोधपुर रिपोर्ट पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया।


अब बीकानेर स्थित स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय की जांच रिपोर्ट भी कमेटी ने राजभवन को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी, पुनर्नियुक्तियों में अनियमितता जैसे मामलों की जांच की गई, जिसमें कुछ आरोपों को सही पाया गया है जबकि अन्य में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में इससे पहले जेएनवीयू सहित दो विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हाईपावर जांच के बाद निलंबित किया जा चुका है, और लगभग आधा दर्जन कुलपतियों के खिलाफ जांच जारी है। इसी क्रम में बीकानेर स्थित महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति पर भी गंभीर आरोप लगे हुए हैं। इनकी शिकायतें भी राजभवन में पहुंच चुकी हैं, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की जांच शुरू नहीं हो सकी है।