बीकानेर के सरकारी समाचार


- राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष- 2 साल, नव उत्थान-नई पहचान, बढ़ता राजस्थान- हमारा राजस्थान
- राजस्थान रोडवेज़ का काया कल्प: राज्य सरकार के सुशासन, दूरदर्शिता और जनसेवा की प्रतिबद्धता का परिचायक है रोडवेज —810 नई बसें और 352 अनुबंधित बसों ने बदली रोडवेज़ की तस्वीर
जयपुर, 9 दिसम्बर। परिवहन व्यवस्था किसी भी प्रदेश के आधारभूत ढांचे की आत्मा होती है जो वहाँ की प्रगति और जनजीवन की सुगमता का आधार होती है । यह केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने का माध्यम भर नहीं है बल्कि आर्थिक गतिविधियों की रीढ़, सामाजिक जुड़ाव का आधार और आमजन की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने वाला सबसे भरोसेमंद तंत्र होती है।



विशेषकर राजस्थान जैसे विशाल भूगोल वाले राज्य में जो क्षेत्रफल में सबसे बड़ा राज्य है, जहाँ देश की कुल जनसंख्या का 5 प्रतिशत से अधिक लोग निवास करते हैं, वहाँ ऐसी विश्वसनीय और किफायती परिवहन सेवा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि स्कूल-कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों से लेकर नौकरीपेशा युवा, किसान, व्यापारी तथा सामान्य यात्री तक सभी के जीवन का एक बड़ा हिस्सा रोडवेज़ की सेवाओं से जुड़ा हुआ है।



पुनरुत्थान का नया अध्याय
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि यदि रोडवेज़ को पूरी तरह आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाना है तो इसके बेड़े का नवीनीकरण अनिवार्य है। यही कारण है कि वर्तमान सरकार के गठन के साथ ही लंबे समय से लगातार घाटे, पुरानी होती बसों और कम होती यात्रियों की संख्या जैसी चुनौतियों का सामना कर रही राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड के रिवाइवल का कार्य शुरू किया गया ।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में आमजन को किफायती और सुलभ परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। सबसे पहले संचालन व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए सुपरविजन को मजबूत किया गया। वर्षों से रोडवेज़ के घाटे का बड़ा कारण रही डीजल की छीजत पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया। इसके साथ ही रूट प्लानिंग, बस संचालन और संसाधनों के उपयोग को व्यवस्थित करते हुए यात्रियों की संख्या और बसों द्वारा प्रतिदिन तय किए जाने वाले औसत किलोमीटर में उल्लेखनीय वृद्धि की गई। इन तमाम सुधारों ने रोडवेज़ के दैनिक संचालन को नई ऊर्जा और स्थिरता प्रदान की जिसने रोडवेज की वर्तमान नवीन तस्वीर सामने आई ।
इन समेकित प्रयासों का सबसे बड़ा परिणाम यह सामने आया कि संचालन घाटा, जो पहले लगभग एक हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष था, वह घटकर करीब तीन सौ करोड़ रुपये रह गया है। यह कमी राजस्थान रोडवेज़ के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में गिनी जा रही है और इसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शी नीतियों, सक्रिय नेतृत्व और सुधारवादी दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष परिणाम माना जा रहा है।
810 नई बसें और 352 अनुबंधित बसें जिन्होंने बदली रोडवेज़ की तस्वीर
यात्रियों को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध यात्रा उपलब्ध करवाने के लिए 810 नई बसों को खरीदा गया और 352 बसों को अनुबंध के आधार पर शामिल किया गया। नई बसों के जुड़ने से जहां जनता को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध यात्रा मिलने लगी, वहीं बढ़े हुए नेटवर्क और बेहतर सेवाओं ने रोडवेज़ की कमाई पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला।
राज्य सरकार के द्वारा निरंतर लिए जा रहे लोककल्याणकारी निर्णय इस बात का परिचायक है कि लेकिन यह परिवर्तन केवल शुरुआत है। आने वाले समय में रोडवेज़ के बेड़े में 800 और नई बसें शामिल की जानी हैं। इससे न केवल प्रदेश के अधिक क्षेत्रों में बेहतर बस सुविधा उपलब्ध होगी बल्कि रोडवेज़ के तेजी से कम हो रहे घाटे को पूरी तरह समाप्त कर उसे लाभदायक इकाई बनाने का लक्ष्य भी पूरा होगा। सरकार की योजना है कि रोडवेज़ को आधुनिक तकनीक, सुरक्षित यात्रा और वित्तीय आत्मनिर्भरता के साथ ऐसे स्तर पर पहुंचाया जाए, जहां वह प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान जारी रख सके।
राजस्थान रोडवेज़ का यह काया कल्प राज्य में सुशासन, जवाबदेही और जन-केंद्रित नीतियों का उदाहरण बनकर सामने आया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था एक बार फिर नई दिशा और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है, और आने वाला समय इस बदलाव को और भी मजबूत किए जाने का संकेत देता है।
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मल्टीमीडिया प्रदर्शनी में युवाओं को नशा मुक्ति का संदेश देकर शपथ दिलाई , राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र ऊंट और पर्यटन के विकास में दे रहा योगदान
‘वंदे मातरम् की पुकार, श्रमिक सुरक्षा का विस्तार’मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का समापन बुधवार को
बीकानेर, 9 दिसंबर। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय संचार ब्यूरो, जोधपुर द्वारा ‘वंदे मातरम् की पुकार, श्रमिक सुरक्षा का विस्तार’ थीम पर आधारित मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का समापन समारोह बुधवार को आयोजित किया जाएगा। प्रदर्शनी में मंगलवार के विशेष सत्र में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), राजस्थान के जोनल निदेशक श्री घनश्याम सोनी ने कहा कि नशा युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को समाप्त करता है और नशे की लत राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति को बाधित करती है। इसे समाप्त करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।
सोनी ने सभी से अपील की कि वे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की संदिग्ध नशीले पदार्थों की तस्करी की जानकारी होने पर मानस पोर्टल के टोल-फ्री नंबर 1933 पर सूचना देकर समाज से नशे के खतरे को समाप्त करने में अपना योगदान दे सकते हैं। श्री सोनी ने कार्यक्रम के दौरान नशे के खिलाफ जागरूक रहने और समाज को नशा मुक्त बनाने की शपथ दिलवाई।
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के श्री महेंद्र दत्त ने कहा कि नाश मुक्ति को लेकर गृह मंत्रालय के नारकोटिक्स विभाग द्वारा नशा मुक्ति के लिए कार्य किये जा रहे हैं। युवा देश को आगे ले जाएंगे लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है स्वयं में सुधार करें और समाज में नशामुक्ति के संदेश को जन-जन तक पहुँचाएं।
राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक श्री वेद प्रकाश ने कहा कि ऊंट का राजस्थान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। केंद्र ऊंटों पर कार्य करने वाला एशिया का अग्रणी संस्थान है। ऊंट के दूध का नियमित सेवन करने से विभिन्न बीमारियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ऊंट के दूध का उपयोग लाभकारी होता है। ऊंट का दूध सेहत के लिए स्वास्थ्य वर्धक रहता है। संस्थान नवीन तकनीकों का उपयोग कर ऊंट के विकास के लिए भी कार्य कर रहा है। संस्थान द्वारा पर्यटन विकास में भी बढ़ावा मिल रहा है।
मीडिया एवं संचार अधिकारी आशीष वर्मा ने कहा कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य सरकार की योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना है, ताकि पात्र लाभार्थी उनका लाभ उठा सकें। सभी शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य पर अपने विचार साझा करते हुए योजनाओं को भी जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान देकर देश के विकास के लिए आगे बढ़े। राजकीय आयुर्वेद विभाग की आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपिका शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद के अंतर्गत 5 योजनाएं चलाई जा रही है। विभाग द्वारा आमजन को कई निःशुल्क पद्धति दी जा रही है। महिलाओं के लिए भी विशेष पद्धतियों के द्वारा उपचार किया जा रहा है।
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के डॉ मधुसूदन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा व शिक्षा के क्षेत्र में नए परिवर्तन किये जा रहे हैं और सभी को बेहतर शिक्षा प्राप्त कर देश के विकास में योगदान देना चाहिए। सत्र के दौरान डिप्टी सीएमएचओ श्री लोकेश गुप्ता ने कहा कि सभी के सहयोग से योजनाओं का लाभ आम जन को दिलवा सकते है। सरकार की स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं का सीधा लाभ सभी अस्पतालों से ले सकते हैं।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के राजकीय महाविद्यालय महिला छात्रावास अधीक्षक सुश्री चंद्रा, जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री मालकोश आचार्य, डीपीसी ईशान पुष्करणा, नर्सिंग अधीक्षक अजय भाटी सहित विभिन्न विभागों, विद्यालयों और संस्थानों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण मौजूद रहे।प्रदर्शनी में मेहंदी प्रतियोगिता व अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन करके अतिथियों द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया।
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आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना में जिले की पांच ग्राम पंचायतों का चयन
कोलायत की हदां व गुढ़ा, डूंगरगढ़ की बाढेला, बीकानेर की कोलासर और पूगल की रामनगर ग्राम पंचायत का किया चयन
आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना को लेकर उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद ने ली समीक्षा बैठक
बीकनेर, 9 दिसंबर। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों और जीवनशैली को आमजन का अभिन्न हिस्सा बनाना है।
डॉ. बैरवा मंगलवार को शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2025-26 के अंतर्गत आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के संबंध में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में निरोगी रहने, रोगों की रोकथाम करने और प्रकृति आधारित उपचार पद्धतियों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर नागरिक प्राकृतिक और संतुलित जीवनशैली अपनाकर स्वस्थ, सशक्त और ऊर्जा से भरपूर जीवन जी सके।
प्रत्येक जिले की पांच-पांच ग्राम पंचायतों का चयन
आयुर्वेद विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के पहले चरण में प्रत्येक जिले की 5 ग्राम पंचायतों का चुनाव किया गया हैं। राज्य भर में कुल 210 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इसके बाद आयुष्मान आरोग्य मंदिर वाली सभी ग्राम पंचायतों को इसमें सम्मिलित किया जायेगा। इन पंचायतों में 18 स्वास्थ्य सूचकांकों पर काम किया जायेगा और इन सूचकांकों की पूर्ण पालना वाली ग्राम पंचायतों को 11 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जिले की इन ग्राम पंचायतों का किया गया है चयन
आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ सागर मल शर्मा ने बताया कि आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के पहले चरण में कोलायत की दो ग्राम पंचायत हदां व गुढ़ा, डूंगरगढ़ की बाढेला, बीकानेर की कोलासर और पूगल की रामनगर ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है। उपनिदेशक ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के जरिए स्वास्थ्य में सुधार करके ग्रामीण क्षेत्र में आमजन का आहार विहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या, प्रकृति परीक्षण आदि 18 प्रकार का स्वास्थ्य सूचकांकों के माध्यम से समाज को निरोगी बनाना है। 18 सूचकांकों पर शत प्रतिशत प्राप्ति पर 11 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना को सफल बनाने में चिकित्सा, शिक्षा, पंचायती राज, सांख्यिकी, सूचना जनसंपर्क, वन महिला एवं बाल विकास की सहभागीदारी रहेगी।
आरोग्य सखी से होगा गाँव-गाँव आयुष्मान
डॉ सागर मल शर्मा ने बताया कि पांचों ग्राम पंचायतों में आरोग्य मित्र एवं आरोग्य सखियों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा। वे वरिष्ठ नागरिकों, बालिकाओं, शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को वनौषधि परिचय, घरेलु उपचार, आहार-विहार, योग व्यायाम, बीपी व ब्लड शुगर मॉनिटरिंग, नशामुक्ति जैसे सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों का ध्यान रखेगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान इस योजना की जिले की नोडल अधिकारी व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंचायती राज श्रीमती प्रियंका तिलानिया, जिले में आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ सागर मल शर्मा, सहायक नोडल अधिकारी डॉ रिडमल सिंह राठौड़, सहायक निदेशक डॉ जितेन्द्र सिंह भाटी, समेत पंचायती राज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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अमृता हाट मेले का बड़ी संख्या में आमजन ने किया अवलोकन
बीकानेर, 9 दिसंबर। जिला प्रशासन एवं महिला अधिकारिता विभाग द्वारा जयनारायण व्यास कॉलोनी स्थित ग्रामीण हाट में संभाग स्तरीय अमृता हाट मेले मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान केंद्रीय कारागृह के ‘आशाएं-द जेल बैण्ड’ ने देश भक्ति और संस्कृति से ओतप्रोत गीतों की प्रस्तुतियां दी।
महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक डाॅ. अनुराधा सक्सेना ने बताया कि दूसरे दिन भी आमजन ने इसका अवलोकन किया। इसमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल रही। बैंड की सुमधुर स्वरलहरियों पर आमजन थिरकते दिखे। इस दौरान महिलाओं और बैंकिंग साक्षरता और केरी केचर का प्रशिक्षण दिया गया। प्रतिभागियों ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
लाख की चूड़ियां, ब्लॉक पेंटिंग रहे विशेष आकर्षण
अमृता हाट मेले के दौरान महिलाओं द्वारा बनाई गई लाख की चूड़ियां, बाड़मेर का अजरख प्रिंट और ब्लांक पेंटिंग विशेष आकर्षण का केंद्र रही। मंगलवार को स्टॉल्स की संख्या 100 से अधिक हो गई। यह स्टॉल्स, प्रदेश के लगभग सभी जिलों की महिलाओं द्वारा लगाई गई हैं। इस बार मेले का आयोजन राजस्थानी थीम पर किया जा रहा है।
महिलाओं को उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय का मंच उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से आयोजित हो रहे मेले के दौरान सप्ताह भर विभिन्न गतिविधियां होंगी। इनमें अमृता शेफ, अमृता फैशन शो आदि गतिविधियां प्रमुख हैं।
ऐसे अवसरों का लाभ उठाएं महिलाएं
इस दौरान केंद्रीय जेल अधीक्षक श्री अभिषेक शर्मा ने कहा कि महिलाएं अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनें। उन्हें ऐसे अवसरों का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। समाज कल्याण अधिकारी नंदकिशोर राजपुरोहित ने कहा कि अमृता हाट जैसे आयोजन ऐसी महिलाओं के लिए बेहद लाभदायक है, जो हाथ का हुनर जानती हैं। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। श्रीमती शंकुतला ने भी विचार व्यक्त किए। बुधवार को प्रातः 11 से रात्रि 9 बजे तक मेला खुला रहेगा।
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अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित
बीकानेर, 9 दिसम्बर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए ऑनलाइन आवेदन 31 दिसम्बर 2025 तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक एलडी पंवार ने बताया कि विभाग द्वारा इस योजनान्तर्गत जिला मुख्यालय पर संचालित समस्त राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर (केवल शैक्षणिक पाठ्यक्रमों) कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय हेतु) राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र (बालक) जो घर से दूर रहकर अन्य स्थान पर कमरा किराये पर लेकर (पेईंग गैस्ट के रूप में) अध्ययन करते हैं। उन छात्रों के आवास, भोजन एवं बिजली-पानी इत्यादि सुविधाओं हेतु पुनर्भरण राशि के रूप में अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना के अन्तर्गत दो हजार रुपए प्रतिमाह प्रतिवर्ष (अधिकतम 10 माह हेतु) दिए जाने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ शैक्षणिक सत्र 2025-26 में राजकीय महाविद्यालय की स्नातक अथवा स्नातकोत्तर कक्षाओं में नियमित रूप से अध्ययनरत एमबीसी, एसटी, एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और माइनारिटी के छात्रों को देय होगा। डीबीटी वाउचर योजना में लाभांवित होने वाले विद्यार्थियों की माता पिता की आय एससी, एसटी, एमबीसी के लिए 2.50 लाख रुपए, ओबीसी के लिए 1.50 लाख रुपए एवं ईडब्ल्यूएस के लिए 1 लाख रुपए अधिकतम निर्धारित की गई है। आवेदन प्रस्तुत किए जाने की ऑनलाईन व्यवस्था लागू की गई है। इच्छुक छात्र द्वारा ई-मित्र/एस.एस.ओ. आई.डी. के माध्यम से पोर्टल पर जनआधार कार्ड के माध्यम से http://sso.rajasthan.gov.in एवं http://sjms.rajasthan.gov.in पर आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि आवेदन के समय अभ्यर्थी द्वारा सक्षम अधिकारी द्वारा जारी मूल निवास प्रमाण-पत्र, जिला मुख्यालय स्थित राजकीय महाविद्यालय में नियमित अध्ययनरत होने का प्रमाण-पत्र, स्व-प्रमाणित किराये के मकान का प्रमाण-पत्र/किराये के रसीद की प्रति, गत वर्ष उत्तीर्ण कक्षा की अंकतालिका की प्रति अपलोड़ करनी होगी। इसके अलावा अभ्यर्थी की आधार संख्या, अभ्यर्थी की जाति, परिवार की आय, अभ्यर्थी स्वयं का बैंक खाता संख्या, आदि अभ्यर्थी के जनाधार वेब सर्विस के माध्यम से ऑनलाईन करने होंगे। सामान्य दिशा-निर्देश का विस्तृत विवरण विभाग की वेबसाइट http://sje.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है।
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शपथ आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रार्थना पत्र आमंत्रित
बीकानेर, 9 दिसंबर। जिला, उपखंड, तहसील और उप तहसील मुख्यालयों पर स्थित राजस्व न्यायालयों में शपथ आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रार्थना पत्र आमंत्रित किए गए हैं।
जिला कलक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि ने बताया कि राजस्व मंडल राजस्थान (शपथ आयुक्त नियुक्ति) नियम 1970 के अनुसार 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2026 के लिए शपथ आयुक्तों की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए 24 दिसम्बर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने होंगे।
श्रीमती वृष्णि ने बताया कि यह प्रार्थना पत्र जिला मुख्यालय पर कलक्ट्रेट परिसर स्थित उपविधि परामर्शी कार्यालय अथवा बार एसोसिएशन अध्यक्ष तथा उपखंड क्षेत्र के लिए संबंधित उपखंड कार्यालय में प्रस्तुत किए जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र में अधिवक्ता का स्पष्ट नाम, जन्मतिथि, एनरोलमेंट नंबर एवं जिस मुख्यालय पर शपथ आयुक्त बनना चाहते हैं उस मुख्यालय का स्पष्ट उल्लेख किया जाना आवश्यक है। प्रार्थना पत्र के साथ एनरोलमेंट नंबर की साफ फोटो प्रति संलग्न करनी होगी। अपूर्ण एवं अंतिम तिथि के पश्चात प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा
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बुधवार को आयोजित होंगी विभिन्न बैठकें
बीकानेर, 9 दिसम्बर। जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृृष्णि की अध्यक्षता में बुधवार को दो बैठकों का आयोजन किया जाएगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक श्री एलडी पंवार ने बताया कि 10 दिसम्बर को प्रातः 11.45 बजे कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचर निवारण के लिए गठित समिति की बैठक आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी दिन दोपहर 12.45 बजे जिला समन्वय समिति की बैठक का भी आयोजन किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री की पहल पर संचालित ‘गिव अप’ अभियान ने जरूरतमंदों को दिया संबल, बीकानेर शीर्ष पर
बीकानेर, 9 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा गत दो वर्षों में ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं। गिव-अप अभियान ने प्रदेश के 70 लाख से अधिक जरूरतमंद व्यक्तियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से जोड़कर उन्हें संबल दिया है। बीकानेर जिले ने भी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए गिव-अप अभियान में प्रदेश में पहला स्थान किया है।
जिला रसद अधिकारी नरेश शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ गिव-अप अभियान के तहत जिले के 1 लाख 88 हजार 665 व्यक्तियों ने स्वेच्छा से अपने नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाए। वहीं 76 हजार 375 व्यक्तियों के नाम अपात्र, दोहरान एवं अन्य कारणों से अपात्र होने के कारण हटाए गए। इस प्रकार जिले के कुल 2 लाख 65 हजार 40 व्यक्तियों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटवाया है।
गिव-अप अभियान के तहत हटे नामों के स्थान पर जिले के 19 हजार 797 परिवारों के 90 हजार 928 यूनिट राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची में नए जोड़े गए। पूर्व से चयनित परिवारों में लगभग 60 हजार 887 व्यक्तियों को जोड़ा गया है। इस प्रकार कुल 1 लाख 51 हजार 815 यूनिट राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में नए जोड़े जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में कुल 2 लाख 78 हजार 325 परिवारों की कुल 12 लाख 9 हजार 725 यूनिट को प्रतिमाह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 5 किलोग्राम गेहूं प्रति यूनिट पोस मशीन से बायोमेट्रिक सत्यापन उपरांत निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। गत दो वर्षों में उचित मूल्य की 26 नई दुकानें आवंटित की गई हैं। 92 रिक्त उचित मूल्य दुकानों की विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। आवंटन प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर दी जाएगी।
जिले में गत दो वर्षों (दिसम्बर 2025 तक) में कुल 1 लाख 45 हजार 262 मेट्रिक टन गेहूं आवंटित किया गया। जिसका शत प्रतिशत उठाव किया जाकर नवंबर 2025 तक 1 लाख 36 हजार 758 मेट्रिक टन गेहूं का वितरण करवा दिया गया है। अंत्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति राशन कार्ड तथा बीपीएल, स्टेट बीपीएल एवं अन्य श्रेणी खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5 किलोग्राम प्रति यूनिट प्रति माह निःशुल्क वितरण करवाया जा रहा है।
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वन विभाग की इंटेलिजेंट प्लानिंग के तहत ‘नई तकनीकी पहल’ डिजीवन पर कार्यशाला आयोजित
बीकानेर, 9 दिसम्बर। वन विभाग के लिए वृक्षारोपण की उन्नत मॉनिटरिंग और इंटेलिजेंट प्लानिंग के लिए तैयार किए गए ऐप्लिकेशन डिजीवन पर विशेष कार्यशाला का आयोजन को किया गया।
जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी के सहयोग से बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और सैटश्योर एनालिटिक्स लिमिटेड के माध्यम से आयोजित इस कार्यशाला में बीकानेर संभाग के भारतीय वन सेवा एवं राज्य वन सेवा के 25 अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में राजस्थान वन विभाग के अधिकारियों को डिजीवन पोर्टल पर विकसित की जा रही दो उन्नत तकनीकी यूज़ केसेस-वाइल्डलाइफ हैबिटेट मॉनिटरिंग और कार्बन और ग्रीन क्रेडिट मैनेजमेंट की जानकारी प्रदान दी गई। संभागीय मुख्य वन संरक्षक श्री हनुमानाराम ने इस नवीन तकनीकी उपकरण के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डिजीवन ऐप भविष्य में वनीकरण को वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगा। यह मृदा, जल और जलवायु परिस्थितियों के विश्लेषण के आधार पर वृक्षारोपण हेतु सटीक साइट चयन, उपयुक्त प्रजाति चयन, जल एवं पोषण प्रबंधन को संभव बनाएगा। साथ ही, उपग्रह चित्रों के माध्यम से वृक्षारोपण के परिणामों, वन स्वास्थ्य, कैनोपी विस्तार और समग्र प्रगति का वास्तविक समय में मूल्यांकन किया जा सकेगा। यह नवाचार राजस्थान के वन एवं वन्यजीव प्रबंधन को एक नए युग में ले जाएगा, जहाँ डेटा संचालित निर्णयन और उन्नत तकनीक संरक्षण के प्रयासों को नई गति व पारदर्शिता प्रदान करेंगे।
कार्यशाला के दौरान सैटश्योर एनालिटिक्स लिमिटेड के विषय विशेषज्ञों अमन माथुर एवं गौरव ने ऐप के संचालन एवं उपयोगिता का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया। इस दौरान प्रश्नोत्तरी सत्र भी आयोजित किया गया।
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