भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने 480 दिन बाद घोषित की कार्यकारिणी


- ज्योति मिर्धा उपाध्यक्ष, श्रवण सिंह बगड़ी महामंत्री बने
जयपुर/बीकानेर, 27 नवंबर । भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने अपने पदभार संभालने के 480 दिन बाद अपनी नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। इस 34 सदस्यीय कार्यकारिणी में कई नए चेहरे शामिल किए गए हैं, जबकि कुछ प्रमुख नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
नई कार्यकारिणी का ढांचा और प्रमुख नाम
नई कार्यकारिणी में 9 उपाध्यक्ष, 4 महामंत्री, 7 मंत्री, 1 कोषाध्यक्ष, 1 सहकोषाध्यक्ष, 1 प्रकोष्ठ प्रभारी और 7 प्रवक्ता शामिल हैं।
उपाध्यक्ष (9): पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, बिहारीलाल विश्नोई, छगन माहुर, हकरू माईड़ा, अल्का मुन्दड़ा और सरिता गेना को नए उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, नाहर सिंह जोधा, मुकेश दाधीच और डॉ. ज्योति मिर्धा को उपाध्यक्ष के रूप में रिपीट किया गया है।



महामंत्री (4): पिछली कार्यकारिणी से केवल श्रवण सिंह बगड़ी को रिपीट किया गया है। मंत्री रहे भूपेन्द्र सैनी और मिथिलेश गौतम को प्रमोट करके महामंत्री बनाया गया है।



पदोन्नत नेता: एससी मोर्चे के अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को प्रमोट कर महामंत्री बनाया गया है, जबकि एसटी मोर्चा के अध्यक्ष नारायण मीणा को प्रमोट कर प्रदेश कार्यकारिणी में मंत्री का दायित्व सौंपा गया है।
इन्हें नहीं मिली जगह
नई टीम में बड़े नामों को जगह नहीं मिली है। तिजारा विधायक बाबा बालकनाथ, सरदार अजयपाल सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, पूर्व सांसद सीआर चौधरी और मोतीलाल मीणा को कार्यकारिणी से बाहर रखा गया है।
कार्यकारिणी में नए पदों का समावेश
इस बार प्रदेश कार्यकारिणी में एक बड़ा बदलाव करते हुए प्रवक्ता, मीडिया, आईटी और सोशल मीडिया प्रभारी जैसे पदों को भी शामिल किया गया है। यह पहली बार हुआ है कि ये पद प्रदेश कार्यकारिणी का हिस्सा बने हैं, जिससे अधिक कार्यकर्ताओं को संगठन में जगह मिल सके।
बीकानेर की राजनीतिक धमक: तीन नेताओं को मिली अहम जिम्मेदारी
भाजपा की नई कार्यकारिणी में बीकानेर जिले के नेताओं को अहमियत दी गई है, जो जिले की बढ़ती राजनीतिक पकड़ को दर्शाता है।
1. बिहारी बिश्नोई बने प्रदेश उपाध्यक्ष
नोखा के पूर्व विधायक बिहारी बिश्नोई को प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बिश्नोई लंबे समय से संगठन में सक्रिय रहे हैं। वह 2018 में नोखा से विधायक चुने गए थे, लेकिन 2023 में हार का सामना करना पड़ा। उनकी शांत, अनुभवी और सुलझी हुई छवि के कारण पार्टी ने उन्हें प्रदेश नेतृत्व में अहम स्थान दिया है।
2. अविनाश जोशी: आईटी सैल के स्तंभ
बीकानेर के प्रख्यात आईटी रणनीतिकार अविनाश जोशी को पार्टी ने लगातार पाँचवीं बार आईटी सैल प्रभारी बनाकर उनके कौशल पर अपना विश्वास जताया है। उनकी टेक्निकल समझ और संगठनात्मक दक्षता की बदौलत वे राजस्थान ही नहीं, बल्कि यूपी, हरियाणा, दिल्ली और बंगाल जैसे राज्यों में भी महत्वपूर्ण चुनावी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।अविनाश के दादा मक्खन जोशी राजस्थान भाजपा के बड़े राजनेताओं में गिने जाते थे तथा उपाध्यक्ष रहे थे।
3. अपूर्वा सिंह बनीं प्रदेश मंत्री
संगठन में युवा और सक्रिय चेहरे को तरजीह देते हुए अपूर्वा सिंह को प्रदेश मंत्री बनाया गया है। उनके चयन को भाजपा के नए टीम स्ट्रक्चर में युवाओं की भूमिका बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में बीकानेर के तीन प्रमुख नेताओं का चयन होना जिले की राजनीतिक धमक को रेखांकित करता है। संगठन के जानकारों का मानना है कि यह निर्णय पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में बीकानेर की बढ़ती हुई राजनीतिक शक्ति और उसके संगठनात्मक आधार की मजबूती का प्रमाण है।








