कांग्रेस नेताओं पर गैर इरादतन हत्या के प्रयास’ का केस- बीकानेर कलेक्ट्रेट बवाल



बीकानेर, 8 अक्टूबर। निजी अस्पताल में लापरवाही के आरोपों के बाद बीकानेर कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन करने वाले प्रदेश कांग्रेस सचिव रामनिवास कूकणा और NSUI जिलाध्यक्ष सहित 10 नामजद नेताओं और 150 अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ सदर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई तब हुई जब प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने का प्रयास कर रहे थे और पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।




किन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा?
सदर थाना SHO दिगपाल सिंह की रिपोर्ट पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है: गैर इरादतन हत्या के प्रयास (BNS 110), पुलिस पर हमला करने (BNS 121 (1)), अधिकारियों को उनके कर्तव्य से रोकने (BNS 132), सामान्य दंगे करने (BNS 191 (4)), समूह द्वारा हमला करने (BNS 132 (1)), मामूली चोट पहुंचाने (BNS 125 (ए)), सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने (पीडीपी एक्ट).



सजा का प्रावधान: गैर इरादतन हत्या के प्रयास में आरोप साबित होने पर 3 साल और किसी को गंभीर चोट आने पर 7 साल तक की सजा हो सकती है। पुलिस पर हमला करने की धारा में भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। मामले की जांच बीछवाल थाना प्रभारी गोविंद सिंह चारण को सौंपी गई है।
प्रदर्शन का मूल मामला क्या था?
हनुमानगढ़ निवासी रामेश्वर लाल को पेसमेकर की दिक्कत के चलते बीकानेर के निजी आयुष्मान हार्ट केयर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहाँ 12 सितंबर को उनकी मौत हो गई थी। परिजनों और कांग्रेस नेताओं ने डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में डॉक्टरों को क्लीनचिट मिलने के बाद, कांग्रेस नेताओं ने इस रिपोर्ट का विरोध करते हुए मंगलवार शाम 5 बजे कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया, जो उग्र हो गया और पथराव में बदल गया।
नामजद आरोपी और आगे की कार्रवाई
नामजद एफआईआर में प्रदेश कांग्रेस सचिव रामनिवास कूकणा, NSUI जिलाध्यक्ष हरिराम गोदारा, NSUI पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार, महेंद्र गहलोत, आत्माराम तर्ड, राजेंद्र मेघवाल, लक्ष्मण गोदारा, बजरंग कूकणा, दिनेश कूकणा, पंकज रिटोड़, रोहित बाना, जयप्रकाश डूडी, और प्रफुल्ल कुमार हटीला सहित 12 लोगों के नाम शामिल हैं। पुलिस अब मौके पर बनाए गए वीडियो और फोटोग्राफी को साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। एफआईआर में 150 अन्य को भी आरोपी बनाया गया है, जिनकी पहचान वीडियो फुटेज से होने पर आगे की गिरफ्तारी की जाएगी।
बीकानेर जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज में लापरवाही से हुई दर्जनों मौतों के पीड़ित परिवारों के साथ राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश सचिव भाई रामनिवास कूकणा के नेतृत्व में हजारों युवा साथियों द्वारा पिछले कई दिन से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया जा रहा है।
कल बीकानेर… pic.twitter.com/R04AGrOD6L
— Rahul Kaswan (@RahulKaswanMP) October 8, 2025
