राजस्थान में भ्रष्टाचार का ‘खेला’: नारकोटिक्स अधिकारी और बिचौलिया रिश्वत लेते CBI के हत्थे चढ़े

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उज्जैन/चित्तौड़गढ़, 18 जुलाई । केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (CBN) का एक अधिकारी और उसका निजी बिचौलिया ₹9 लाख की रिश्वत लेते हुए CBI द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए हैं। यह कार्रवाई उज्जैन से सामने आई है, लेकिन इसके तार राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से जुड़े हैं, जहां से एक किसान की शिकायत के बाद यह खुलासा हुआ।                                                                            नारकोटिक्स केस में फंसाने की धमकी और ₹1 करोड़ की मांग
CBI को चित्तौड़गढ़ के आलाखेड़ी गांव के किसान मांगीलाल गुर्जर ने 15 जुलाई 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी। मांगीलाल ने बताया कि CBN के उज्जैन स्थित निरीक्षक महेंद्र सिंह और उसके बिचौलिया जगदीश मेनारिया ने उसे एक नारकोटिक्स केस में फंसाने की धमकी दी थी। आरोप था कि अधिकारी ने उसकी जमीन से 400 किलो डोडा चूरा जब्त करने की बात कहकर ₹1 करोड़ की मांग की थी। पैसे न देने पर उसे और उसके परिवार को मादक पदार्थों के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई थी।

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किसान ने दी तीन किस्तों में ₹44 लाख की रिश्वत
किसान मांगीलाल ने डर के मारे पिछले 2-3 महीने में तीन किश्तों में कुल ₹44 लाख की रिश्वत दे दी थी। इसके बावजूद, 13 जुलाई को बिचौलिया जगदीश मेनारिया ने ₹9 लाख और मांगे, जिससे परेशान होकर किसान ने CBI से संपर्क किया।

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                                                                  नारकोटिक्स अधिकारी और बिचौलिया रिश्वत लेते CBI के हत्थे चढ़े

CBI का ट्रैप ऑपरेशन और गिरफ्तारी
CBI ने शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए 17 जुलाई 2025 को एक ट्रैप ऑपरेशन चलाया। गुरुवार शाम 5 बजे जैसे ही बिचौलिया जगदीश मेनारिया ने किसान से ₹9 लाख की रिश्वत ली, CBI की टीम ने उसे मौके पर ही धर दबोचा। पूछताछ में जगदीश ने नारकोटिक्स अधिकारी महेंद्र सिंह का नाम बताया। इसके बाद CBI टीम ने गुरुवार रात को मंडफिया से महेंद्र सिंह को भी हिरासत में ले लिया। शुक्रवार शाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत CBI ने केस दर्ज किया है, और जांच जयपुर CBI के डीएसपी कमलेश चन्द्र तिवारी को सौंपी गई है। दोनों आरोपियों का चित्तौड़गढ़ के सरकारी अस्पताल में मेडिकल भी कराया गया।

राजस्थान और मध्य प्रदेश में छापेमारी, बड़े रैकेट का संदेह
CBI ने गिरफ्तारी के बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश में तीन अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी भी की है, जहां से अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि यह रिश्वतखोरी एक बड़ी रैकेट का हिस्सा हो सकती है। किसान मांगीलाल के अनुसार, महेंद्र सिंह ने जयपुर, सीकर और नीमच में अवैध संपत्तियां बनाई हैं और उसके कई एजेंट रिश्वत वसूली में सक्रिय हैं। चित्तौड़गढ़ के बड़ीसादड़ी, भदेसर और डूंगला क्षेत्र में भी उसके दलाल करोड़ों की वसूली कर चुके हैं। CBI अब इन सभी संपत्तियों की जांच करेगी। यह कार्रवाई दर्शाती है कि कानून के लंबे हाथ अब रिश्वतखोरों को नहीं बख्शेंगे, और आने वाले समय में इस मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

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