चेन्नई में अणुव्रत समिति द्वारा ‘नशा मुक्ति’ कार्यशाला



साध्वी उदितयशा ने दिया ‘हित-अहित ज्ञान’ का संदेश
चेन्नई, 9 अगस्त। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में अणुव्रत समिति, चेन्नई द्वारा एक महत्वपूर्ण नशा मुक्ति अभियान ‘एलीवेट एक्सपीरियंस द रियल हाई’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला अणुव्रत अनुशास्ता, युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री उदितयशाजी (ठाणा 4) के पावन सान्निध्य में तेरापंथ भवन, साहुकारपेट, चेन्नई में संपन्न हुई।
नशे से मुक्ति और अणुव्रत का महत्व
साध्वी श्री उदितयशाजी ने अपने संबोधन में कहा कि नशे का सबसे बड़ा परिणाम यह है कि व्यक्ति स्वयं का भान भूल जाता है। इसके कारण वह अपने माता-पिता, परिजनों का सम्मान नहीं करता और अपने संस्कारों से च्युत हो जाता है। उन्होंने बताया कि गुरुदेव तुलसी ने आज से 75 वर्ष पूर्व ही यह भांप लिया था कि समाज में नशे की कुरीतियाँ घर कर सकती हैं, इसीलिए उन्होंने हमें अणुव्रत रूपी महान अवदान दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक ऐसा अभियान है जो व्यक्ति को अपने हित-अहित का ज्ञान करवाता है। साध्वीश्री ने आह्वान किया कि अणुव्रत से जुड़कर युवा पीढ़ी भी हित-अहित का ज्ञान होने से नशा मुक्त रह सकती है।
साध्वीश्री के आह्वान पर उपस्थित श्रावक समाज ने जीवन भर नशा मुक्त रहने का संकल्प स्वीकार कर इसे रक्षाबंधन की एक महत्वपूर्ण भेंट के रूप में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति




कार्यक्रम की शुरुआत अध्यक्षा श्रीमती सुभद्रा लुणावत के स्वागत भाषण से हुई। मंत्री कुशल बाँठिया ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष स्वरूप चंद दाँती, तेरापंथ सभाध्यक्ष अशोक खतंग, साहुकारपेट ट्रस्ट बोर्ड प्रबंध न्यासी विमल चिप्पड, महासंघ अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती हेमलता नाहर, युवक परिषद के सदस्यों के साथ अच्छी संख्या में किशोर और कन्याएँ विशेष रूप से उपस्थित थीं। कार्यक्रम का समापन मंगल पाठ के साथ हुआ।

