बीकानेर में ‘सनातन उत्सव’ का भव्य आयोजन: सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों की पूजा-अर्चना, विसर्जन 8 अगस्त को



बीकानेर, 4 अगस्त। बीकानेर के लालेश्वर महादेव मंदिर, शिवमठ शिवबाड़ी में 43वें पूजन अनुष्ठान के तहत “सनातन उत्सव” का भव्य आयोजन किया गया। रविवार, 4 अगस्त 2025 को स्वामी श्री विमर्शानंद गिरी जी महाराज के सान्निध्य में पार्थिव शिवलिंग का पूजन और आरती का विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ। इस पूजन अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय संस्कृति एवं सनातन सार्वभौम महासभा; राष्ट्रीय संयोजक, श्री विप्र महासभा) के 43वें पूजन अनुष्ठान में 151 विभिन्न मंदिरों से पूजित पार्थिव शिवलिंगों का भी पूजन किया गया। सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का पूजन और शृंगार
‘सनातन उत्सव’ के इस अनुष्ठान में श्री कोलायत सरोवर की पवित्र मिट्टी से निर्मित सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों सहित 151 शिव मंदिरों में पूजित मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया गया। स्वामी श्री विमर्शानंद गिरी जी महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ त्रिवेणी जल (तीन पवित्र नदियों का जल) और विभिन्न द्रव्यों से इन पार्थिव शिवलिंगों का पूजन किया। पूजन के बाद, सभी शिवलिंगों को पुष्प मालाओं, पुष्पों, अबीर, गुलाल आदि से खूबसूरती से शृंगारित किया गया।




इस अवसर पर महा आरती की गई, जिसके साथ ही ‘सनातन’ के जयकारों से पूरा मंदिर प्रांगण गूँज उठा। पूजन अनुष्ठान में रजत दाधीच, योगेश शर्मा, श्यामसुन्दर जोशी, शैलेन्द्र शर्मा, शंकर लाल जोशी, राकेश आसोपा, भवानी सेवग, पीयूष सोनी, प्रवीण दाधीच सहित बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुषों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।


दो दिवसीय पूजन अनुष्ठान और आगामी विसर्जन
यह विशेष पूजन अनुष्ठान 3 और 4 अगस्त, 2025 को दो दिनों तक चला, जिसमें शिवलिंगों का पूजन और आरती की गई। अब, इन पूजित पार्थिव शिवलिंगों का विसर्जन अनुष्ठान 8 अगस्त 2025 को देव कुंड सागर में संपन्न होगा।
चातुर्मास पूजन अनुष्ठान का हिस्सा
पूजन अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय संस्कृति एवं सनातन सार्वभौम महासभा; राष्ट्रीय संयोजक, श्री विप्र महासभा; राष्ट्रीय महामंत्री, ब्राह्मण अंतर्राष्ट्रीय संगठन) ने बताया कि यह उनका 43वां पूजन अनुष्ठान है, जो देव शयनी एकादशी को शुरू हुआ था। इस चातुर्मास पूजन अनुष्ठान में प्रतिदिन गणेश, शिव दरबार के साथ ब्रह्मा, विष्णु, महेश का पूजन और शिवलिंग पर पंच द्रव्यों से अभिषेक जारी है। उन्होंने बताया कि चातुर्मास के दौरान पूजन सत्संग के दैनिक अनुष्ठानों के साथ-साथ विशेष पर्वों पर दिव्य और विशेष सामूहिक उत्सव लगातार चार माह तक कार्तिक मास की पूर्णिमा तक आयोजित किए जाएंगे।