प्रो. डॉ. नरसिंह बिनानी के कविता संग्रह “काव्य-सरोज” का भव्य लोकार्पण संपन्न

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बीकानेर, 14 जुलाई । पूर्व प्रिंसिपल, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी के हिंदी कविता संग्रह “काव्य-सरोज” का भव्य लोकार्पण समारोह आज सायं मॉडर्न मार्केट स्थित बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल सभागार में नवकिरण सृजन मंच एवं बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के संयुक्त तत्वावधान में दो चरणों में आयोजित किया गया। समारोह के संयोजक वरिष्ठ कवि-लेखक इंजी. गिरिराज पारीक ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त रूप से वरिष्ठ कवि-कथाकार कमल रंगा व राजेंद्र जोशी थे, जबकि अध्यक्षता समाजसेवी व बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के अध्यक्ष जुगल राठी ने की। इंजी. पारीक ने बताया कि कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक हरि शंकर आचार्य, स्वागताध्यक्ष वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं संपादक प्रो. डॉ. अजय जोशी, कार्यक्रम समन्वयक वरिष्ठ कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार, और लोकार्पित कृति पर पत्र वाचनकर्ता सह-आचार्य, कॉलेज शिक्षा डॉ. गौरी शंकर प्रजापत रहे।

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समारोह का प्रथम चरण: ‘काव्य-सरोज’ का लोकार्पण
समारोह के प्रथम चरण का शुभारंभ मंचस्थ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती व मां लक्ष्मी के तेलचित्रों पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित करने के साथ किया गया। भजन गायक उत्तम सेठिया द्वारा मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई, जिसके बाद नन्हीं बालिका पावनी ने अत्यंत मधुर स्वरों में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके पश्चात मंचस्थ सभी अतिथियों का माल्यार्पण से स्वागत किया गया। समारोह के स्वागताध्यक्ष वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं संपादक प्रो. डॉ. अजय जोशी ने शब्दों के माध्यम से मंचस्थ अतिथियों सहित उपस्थित सभी सुधिजनों का स्वागत किया। इसके बाद मंचस्थ अतिथियों द्वारा प्रो. डॉ. नरसिंह बिनानी के कविता संग्रह “काव्य-सरोज” का भव्य लोकार्पण किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार व चिकित्सक एवं लोकार्पित पुस्तक के प्राक्कथन लेखक डॉ. शंकर लाल स्वामी का आशीर्वचन हुआ। समारोह के संयोजक वरिष्ठ कवि-लेखक इंजी. गिरिराज पारीक ने कविता संग्रह “काव्य-सरोज” के लेखक प्रो. डॉ. नरसिंह बिनानी का विस्तृत परिचय दिया।

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साहित्य, विकास और कविता की महत्ता पर उद्बोधन
इस अवसर पर समाजसेवी व बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के अध्यक्ष जुगल राठी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि प्रो. डॉ. नरसिंह बिनानी के कविता संग्रह “काव्य-सरोज” का यह लोकार्पण साहित्य सृजन को आगे बढ़ाने का एक प्रेरक कार्य है, क्योंकि साहित्य समाज का मार्गदर्शक होता है। राठी ने बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल द्वारा बीकानेर के विकास हेतु किए जाने वाले प्रस्तावित कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीकानेर शहर के मध्य स्थित रेलवे फाटकों के खुलने व बंद होने की पूर्व जानकारी देने वाला ऐप बनाया जा रहा है, जिससे आम लोग घर से निकलते समय ही फाटकों की स्थिति जान सकेंगे। राठी ने यह भी बताया कि बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के वर्तमान भवन का नवीनीकरण कर उसके स्थान व सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। आयोजन के इस चरण में लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि-कथाकार कमल रंगा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि साहित्य सृजन भावनाओं को शब्दों में बांधने की कला है, और प्रो. डॉ. नरसिंह बिनानी ने इस कविता संग्रह में इस कला को श्रेष्ठता के साथ प्रदर्शित किया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि-कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि एक रचनाकार को समाज की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रचना करनी चाहिए, और यही एक सफल रचनाकार की कसौटी होती है। इस दृष्टि से प्रो. डॉ. नरसिंह बिनानी की लोकार्पित कृति को पढ़ने के बाद यह कहा जा सकता है कि वे एक सफल रचनाकार की कसौटी पर खरे उतरे हैं। इसी क्रम में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक हरि शंकर आचार्य ने कहा कि प्रो. बिनानी की इस लोकार्पित पुस्तक में मानवीय भावनाओं, समसामयिक घटनाओं व समाज की स्थिति आदि को सरल शब्दों में व्यक्त किया गया है। उन्होंने पुस्तक के अनेक शीर्षकों की रचनाओं की भावना की संक्षिप्त व्याख्या प्रस्तुत की। आचार्य ने लोकार्पित कृति की एक रचना “अयोध्या में राम” नामक कविता को पूरा पढ़कर उसके पीछे छिपे गूढ़ अर्थ को श्रोताओं के समक्ष जब प्रकट किया, तो पूरा कार्यक्रम स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

इसके बाद कार्यक्रम समन्वयक व वरिष्ठ कवि-कथाकार तथा लोकार्पित पुस्तक की भूमिका के लेखक राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि इस पुस्तक में कुल 68 रचनाएं हैं, और ये सभी रचनाएं अपना पृथक-पृथक संदेश देने वाली हैं। इससे पूर्व, लोकार्पित कृति पर पत्र वाचनकर्ता सह-आचार्य, कॉलेज शिक्षा डॉ. गौरी शंकर प्रजापत ने पत्र वाचन किया, जिसमें उन्होंने लोकार्पित पुस्तक की विशेषताओं को उदाहरणों सहित उजागर किया और पुस्तक को पाठकों की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी साहित्यिक कृति बताया।

लेखक का उद्बोधन और सम्मान समारोह
कार्यक्रम में लोकार्पित कविता संग्रह “काव्य-सरोज” पुस्तक के रचयिता पूर्व प्रिंसिपल, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कविता संग्रह की कुछ चुनिंदा रचनाएं प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने पुस्तक पर अपनी बात को अत्यंत रोचक ढंग से रखते हुए उपस्थित समस्त श्रोताओं का मनोरंजन किया और खूब तालियां बटोरीं। इस अवसर पर पत्रकार जैन लूणकरण छाजेड़, वरिष्ठ कथाकार बुलाकी शर्मा, पारीक समाज के अध्यक्ष भंवर लाल व्यास, डॉ. श्रीमती राधा सोलंकी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

स्वागत-अभिनंदन और आभार
समारोह के दूसरे चरण में नवकिरण सृजन मंच, बीकानेर की ओर से मंचस्थ अतिथियों का शॉल, प्रतीक चिन्ह, मोतियों की माला और ओपरना ओढ़ाकर स्वागत-अभिनंदन किया गया। इसी क्रम में बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल की ओर से लोकार्पित कृति के लेखक प्रोफेसर डॉ बिनानी को प्रतीक चिन्ह, मोतियों की माला, शॉल और ओपरना भेंट कर स्वागत-अभिनंदन किया गया। इसके साथ ही बीकानेर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी प्रोफेसर डॉ. बिनानी का सम्मान किया गया। अंत में बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल की ओर से विजय बाफना द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन इंजी. गिरिराज पारीक ने किया।

इस अवसर पर बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के सचिव संजय जैन सांड, वरिष्ठ साहित्यकार व चिकित्सक डॉ. शंकर लाल स्वामी, जिला औषध वितरण केंद्र के प्रभारी डॉ. नवल गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार जैन लूणकरण छाजेड़, वरिष्ठ कथाकार बुलाकी शर्मा, पारीक समाज के अध्यक्ष भंवर लाल व्यास, समाजसेवी सुधा आचार्य, महेश आचार्य, मनोज हर्ष, पुनम चंद चौधरी, वरिष्ठ शायर इरशाद अजीज, श्रीबल्लभ ओझा, कुलदीप शर्मा, मोतीलाल, श्रीमती सरोज बिनानी, श्रीमती शारदा देवी, श्रीमती पुष्पा डागा, अयोध्या देवी मूंधड़ा, डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़, बंशीलाल द्वारकानी, डॉ. बृज मोहन खत्री, मोहन लाल जांगिड़, डॉ. श्रीमती राधा सोलंकी, जुगल किशोर पुरोहित, गौ भक्त महेन्द्र जोशी, एडवोकेट सुधीर सोलंकी, बाबूलाल छंगाणी “बमचकारी”, श्रीमती सरला डागा, वरिष्ठ शायर कासिम बीकानेरी, वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब, राम कुमार मूंधड़ा, श्रीमती सरिता बिनानी, रामावतार डागा, कमल राठी, व्यास, श्रीमती उमाश्री, उमाशंकर बागड़ी, श्रीमती गायत्री मूंधड़ा, कमल बिनानी, वरिष्ठ शायर डॉ. जिया उल हसन कादरी, राज कुमार बिनानी, राज करवा, डॉ. एन.डी. कादरी, प्रियंका मूंधड़ा, डॉ. राकेश बिनानी, एडवोकेट इसरार हसन कादरी, श्रीमती जयश्री, नंदलाल कोठारी, विजय राज सेठिया, दिनेश पांडिया, इचराज देवी सेठिया, श्री राम बिनानी, अब्दुल शकूर सिसोदिया, राजू आदि सहित अन्य अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।

 

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