समाजसेवी हरिकिशन जोशी को भावभीनी श्रद्धांजलि: डॉ. कल्ला ने बताया सेवा और सद्भाव का प्रतीक


बीकानेर, 18 दिसंबर। बीकानेर की सामाजिक समरसता और ‘साझी विरासत’ के प्रमुख स्तंभ, ख्यातनाम समाजसेवी हरिकिशन जोशी (डावा महाराज) के असामयिक निधन पर गुरुवार को जोशीवाड़ा स्थित हनुमान भवन में एक विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। साझी विरासत संस्थान द्वारा आयोजित इस सभा में राजनीति, साहित्य और समाज सेवा से जुड़ी नगर की तमाम प्रमुख हस्तियों ने उपस्थित होकर उनके तेल चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।


सामाजिक एकता और सेवा के प्रतीक थे ‘डावा महाराज’
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए राजस्थान सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि हरिकिशन जोशी केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सद्भाव और सेवा भावना के प्रतीक थे। उनके जीवन का प्रत्येक क्षण समाज को जोड़ने और पीड़ितों की सेवा में व्यतीत हुआ। वहीं, वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके निधन से बीकानेर के सामाजिक और साहित्यिक जगत में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है। सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियंता बी.जी. व्यास ने भी उनके द्वारा वंचित और जरूरतमंद वर्गों के लिए किए गए कार्यों को याद किया।


गणमान्य जनों ने अर्पित किए श्रद्धासुमन
समारोह में डॉ. अजय जोशी, सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी. रंगा, उमाशंकर आचार्य और डॉ. नमामी शंकर आचार्य सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने विचार व्यक्त किए। इस शोक सभा में एडवोकेट खुशालचंद जोशी, अमरनाथ व्यास, डॉ. महेंद्र पुरोहित और सुनील पुरोहित सहित सैकड़ों की संख्या में आमजन और युवाओं ने भाग लिया। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और संकल्प लिया कि डावा महाराज के सेवाभावी आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।








