इंडिगो फ्लाइट संकट उड़ानें रद्द गुरुवार को यह संख्या 550 से अधिक

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quicjZaps 15 sept 2025
  • दिल्ली एयरपोर्ट से आज (शुक्रवार) मध्यरात्रि (11:59 PM) तक सभी उड़ानें रद्द रहेंगी

नई दिल्ली , 5 दिसम्बर। इंडिगो ने गुरुवार को 550 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दीं, जो एक रिकॉर्ड है. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई और गोवा सहित कई प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द हुईं. एयरलाइन की समयपालन दर गिरकर 19.7 प्रतिशत रह गई जो पहले के 35 प्रतिशत से काफी कम है।
क्रू की कमी से व्यापक व्यवधान, यात्रियों में अफरा-तफरी भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) इस समय अपने इतिहास के सबसे गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है। पायलटों और क्रू सदस्यों की भारी कमी के कारण पिछले कई दिनों से हजारों यात्रियों को देश भर के हवाई अड्डों पर उड़ानों में भारी देरी, पुनर्निर्धारित उड़ानों और बड़े पैमाने पर रद्दीकरण (Cancellations) का सामना करना पड़ रहा है।शुक्रवार, 5 दिसंबर, 2025 को यह संकट चौथे दिन भी जारी रहा, जिसके चलते स्थिति और बिगड़ गई है।

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संकट की वर्तमान स्थिति (5 दिसंबर)उड़ान रद्दीकरण

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शुक्रवार को मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली सहित प्रमुख हवाई अड्डों पर 400 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। गुरुवार को यह संख्या 550 से अधिक थी।
दिल्ली की स्थिति: स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, इंडिगो ने घोषणा की है कि दिल्ली एयरपोर्ट से आज (शुक्रवार) मध्यरात्रि (11:59 PM) तक सभी उड़ानें रद्द रहेंगी।समयबद्धता धड़ाम: एयरलाइन की ‘ऑन-टाइम परफॉर्मेंस’ (OTP) जो उसकी पहचान थी, वह चरमरा गई है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को ओटीपी गिरकर ऐतिहासिक निचले स्तर 8.5% पर आ गई थी।यात्रियों की परेशानी: देशभर के एयरपोर्टों पर यात्रियों को लंबी कतारों, सामान खो जाने, और एयरलाइन काउंटरों पर भोजन-पानी या पर्याप्त सहायता न मिलने की शिकायतें मिली हैं। कई शहरों के हवाई किरायों में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई है।

संकट का मुख्य कारण: FDTL नियम और क्रू की कमीइंडिगो के इस अभूतपूर्व संकट का मुख्य कारण पायलटों की भारी कमी और फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे और अंतिम चरण का लागू होना है।
नए FDTL नियम: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा लागू किए गए इन नियमों के तहत, उड़ान सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से पायलटों के लिए साप्ताहिक आराम की अवधि 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दी गई है और रात में लैंडिंग की संख्या सीमित की गई है।
इंडिगो पर प्रभाव: चूंकि इंडिगो का संचालन बहुत बड़ा है (प्रतिदिन लगभग 2,300 उड़ानें) और इसका परिचालन मॉडल उच्च विमान और क्रू उपयोग स्तरों पर निर्भर करता है, इसलिए नए नियमों को लागू करने में एयरलाइन की योजना संबंधी खामियों और गलत आकलन के कारण क्रू रोस्टरिंग पर भारी असर पड़ा है।
नियामक और एयरलाइन की प्रतिक्रियाDGCA का हस्तक्षेप: DGCA ने मामले का संज्ञान लेते हुए इंडिगो को विस्तृत कारण बताने और सुधार योजनाओं को प्रस्तुत करने के लिए कहा है। DGCA ने एयरलाइन से पायलटों की भर्ती, प्रशिक्षण समय-सारणी, और रोस्टर पुनर्गठन पर एक विस्तृत रोडमैप जमा करने का निर्देश दिया है।
इंडिगो का माफीनामा: इंडिगो ने ग्राहकों और उद्योग हितधारकों से माफी मांगी है और “कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट” (Calibrated Adjustment) शुरू किए हैं, जिसमें संचालन को स्थिर करने के लिए कुछ उड़ानों को रद्द करना शामिल है।सामान्य होने की उम्मीद: इंडिगो ने नियामक को सूचित किया है कि उड़ान संचालन को पूरी तरह से स्थिर होने में समय लगेगा और परिचालन 10 फरवरी, 2026 तक ही सामान्य होने की उम्मीद है। 8 दिसंबर से उड़ानों में कटौती करने की योजना भी बताई गई है।यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति (Flight Status) जांच लें।

इंडिगो संकट की जड़:
पायलटों के आराम और सुरक्षा पर छह साल पुरानी कानूनी लड़ाई इंडिगो एयरलाइन में मौजूदा उड़ान संकट की जड़ें लगभग छह साल पुरानी कानूनी लड़ाई में हैं, जो पायलटों के आराम और सुरक्षा से जुड़े नियमों को लागू करने को लेकर चल रही है। पायलट यूनियनों और एयरलाइनों के बीच यह खींचतान, जिसके केंद्र में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियम हैं, अंततः आम यात्रियों के लिए बड़े व्यवधान का कारण बन गई है। इस उथल-पुथल की जड़ 2019 में है, जब पायलट यूनियनों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि DGCA द्वारा बनाए गए नियम पायलटों के लिए बहुत सख्त थे, जिनमें लगातार दो रात उड़ान की इजाजत थी, आराम के घंटे कम थे और आपात स्थिति में पायलटों को ज्यादा इस्तेमाल करने की छूट थी।
कानूनी हस्तक्षेप और नए FDTL नियम8 जनवरी 2024 को DGCA ने नए संशोधित नियम जारी किए और एयरलाइनों को 1 जून 2024 तक इन्हें मानने की मोहलत दी। लेकिन एयरलाइनों ने पायलटों की कमी का हवाला देते हुए नियमों को लागू करने में असमर्थता जताई। कंपनी की दलील के बाद पायलट यूनियन फिर कोर्ट पहुंची। 20 फरवरी 2025 को DGCA ने कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि 22 में से 15 नियम 1 जुलाई 2025 से और बाकी सात नियम 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे। 24 फरवरी 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने यही चरणबद्ध तरीका मंजूर कर लिया। कोर्ट ने कहा कि 1 जुलाई 2025 से पायलटों का साप्ताहिक आराम 48 घंटे करना जरूरी है और 1 नवंबर 2025 से नाइट ड्यूटी का समय सुबह 6 बजे तक माना जाएगा तथा रात में सिर्फ दो लैंडिंग की इजाजत होगी।
अवहेलना के आरोप और यात्रियों को खामियाजा छह साल तक चली इस कानूनी लड़ाई के बाद 7 अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट कोर्ट ने DGCA के लिखित वादे के आधार पर केस बंद कर दिया था। लेकिन 18 नवंबर 2025 को कोर्ट ने पायलट यूनियन से पूछा कि क्या उनके पास DGCA की जानबूझकर अवज्ञा के पक्के सबूत हैं? दरअसल यूनियन का कहना था कि कोर्ट के आदेश और वादे के बावजूद DGCA ने एयर इंडिया, स्पाइसजेट जैसी कई कंपनियों को नियमों से छूट दे रखी है। इस पूरे मामले से साफ है कि पायलटों की थकान और सुरक्षा से जुड़े नियमों को लागू करने में अभी काफी खींचतान बाकी है। अभी फिलहाल इसका पूरा खामियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है, जैसा कि इंडिगो एयरलाइन में व्यापक उड़ान रद्दीकरण के रूप में देखा जा रहा है।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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