पीबीएम अस्पताल में ‘डॉक्टर डेस्क मॉड्यूल’ की शुरुआत: डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम


बीकानेर, 18 जुलाई। पीबीएम अस्पताल में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार, अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा के नेतृत्व में फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर) विभाग में डॉक्टर डेस्क मॉड्यूल को सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
डिजिटल हेल्थकेयर की ओर अग्रसर
इस नई प्रणाली में प्रबंधन प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ अस्पताल की कार्यप्रणाली को डिजिटल बनाने पर विशेष जोर दिया गया है। एसीपी पंकज छींपा ने इस कार्य में प्रबंधन इंटर्न्स दानिश खान और रुतुराज गंगवाल को शामिल किया। पीएमआर विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पुनीत नौवल और सीनियर रेजिडेंट डॉ. हिमांशी पंवार ने भी इस मॉड्यूल को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।




डॉक्टर डेस्क मॉड्यूल की प्रमुख विशेषताएं:


- डिजिटल रिकॉर्डिंग: डॉक्टर अब मरीजों की शिकायत, निदान, दवाइयां, जांच और परामर्श को सीधे सिस्टम में दर्ज कर सकते हैं।
- ई-प्रिस्क्रिप्शन: इससे ई-प्रिस्क्रिप्शन तैयार होता है, जिससे कागज के उपयोग में कमी आती है और प्रक्रिया तेज होती है।
- इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड (ईएचआर): मरीजों का इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहता है, जिससे जानकारी तक पहुंच आसान हो जाती है।
- पारदर्शिता और दक्षता: यह प्रणाली अस्पताल की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी, तेज और व्यवस्थित बना रही है।
प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक रहे हैं, और पायलट प्रोजेक्ट के तहत ज्यादातर प्रिस्क्रिप्शन अब ई-फॉर्मेट में तैयार किए जा रहे हैं। हालांकि, फार्मेसी और जांच विभागों का इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम (आईएचएमएस) से एकीकरण अभी प्रगति पर है, फिर भी यह पहल डिजिटल हेल्थकेयर की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है।
यह परियोजना न केवल अस्पताल को डिजिटल रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि प्रबंधन के विद्यार्थियों को स्वास्थ्य प्रणाली की वास्तविक चुनौतियों और उनके समाधान का व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान कर रही है। यह पहल भविष्य में अस्पताल के अन्य विभागों में भी डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।