बीकानेर में एक घंटे की बारिश ने खोले इंतजामों के पोल

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बीकानेर, 2 सितंबर। रविवार शाम बीकानेर में सिर्फ एक घंटे की बारिश ने नगर निगम और प्रशासन के सभी दावों की पोल खोल दी। करीब दो इंच बारिश से शहर के नाले जाम हो गए और सड़कें तालाब बन गईं। कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
शहर में अफरातफरी का माहौल
सड़कें बनीं दरिया: केईएम रोड, दाऊजी रोड और फड़ बाजार जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में दुकानों और इमारतों के बेसमेंट में पानी भर गया, जिससे लाखों का नुकसान हुआ।

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वाहन हुए ठप्प: जलभराव के कारण कई दोपहिया और चौपहिया वाहन सड़कों के बीच में ही रुक गए।

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जान पर बनी आफत: कोठारी अस्पताल के पास एक स्कूटर सवार खुला नाला न देख पाने के कारण उसमें गिर गया। हालांकि, समय रहते उसे बचा लिया गया।

दहशत का माहौल: शहर के लोग इतने परेशान हो गए कि उन्होंने कहा कि ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा, जहां घंटों बाद भी पानी जस का तस भरा रहा।

अफसरों की गैरमौजूदगी: लोगों ने प्रशासन के अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी पानी में डूबे शहर का हाल जानने के लिए सड़कों पर नहीं आया।

नगर निगम का दावा और वास्तविकता
नगर निगम ने पानी निकालने के लिए सूरसागर, सुजानदेसर, खुदखुदा डेरे और अन्य इलाकों में जेसीबी और मोटर पंप लगाए। साथ ही, इंदिरा कॉलोनी और गिन्नाणी क्षेत्र में पानी की दिशा बदलने के लिए रेत के थैले भी भेजे गए। इसके बावजूद, पुरानी जेल रोड, कोटगेट, और केईएम रोड पर पानी का बहाव इतना तेज था कि लोग घंटों तक फंसे रहे। चौंखूटी नाले का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा था, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई।

नेशनल हाईवे पर जाम और ग्रामीण इलाकों में तबाही
बारिश से नेशनल हाईवे पर भी पानी भर गया, जिससे यातायात बाधित हो गया। गजनेर रोड और गंगाशहर क्षेत्र में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश ने कहर बरपाया। श्रीडूंगरगढ़ के सुरजनसर गांव में दो दिन की बारिश में करीब एक दर्जन कच्चे मकान गिर गए, जिससे कई परिवार बेघर हो गए। सरपंच ओमप्रकाश शर्मा ने प्रशासन से पीड़ितों की मदद करने की गुहार लगाई है।

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