भगवान महावीर के सिद्धांतों को याद किया गया

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बीकानेर, 25 अगस्त। पर्युषण पर्व के दौरान बीकानेर में भगवान महावीर के जीवन और शिक्षाओं को याद करते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। ढढ्ढा कोटड़ी और रांगड़ी चौक की तपागच्छीय पौषधशाला में साध्वियों ने कल्पसूत्र का वाचन किया।
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी ने अपने प्रवचन में कहा कि कल्पसूत्र का मुख्य संदेश अपने धर्म और संस्कारों को पहचानना है। उन्होंने कहा कि राग, द्वेष, और अहंकार को त्यागकर ही आत्म-कल्याण का मार्ग मिलता है। उन्होंने भक्तों को सभी प्राणियों के प्रति करुणा और शुभ भावना रखने का संदेश दिया।

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तपागच्छीय पौषधशाला में, साध्वी दीपमाला और शंख निधि ने भगवान महावीर के जन्म, तपस्या और ज्ञान प्राप्ति की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह, और ब्रह्मचर्य के सिद्धांत युगों-युगों तक मानव जाति के कल्याण के लिए प्रासंगिक रहेंगे।
इस दौरान, तपस्वियों की तपस्या की अनुमोदना की गई, जिसमें 60 दिनों का उपवास करने वाले कन्हैयालाल भुगड़ी और 6 दिनों का उपवास करने वाले कई अन्य भक्त शामिल थे।

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गाजे-बाजे से निकली पालनाजी की शोभायात्रा
आसानियों के चौक में रामपुरिया उपासरे से भगवान महावीर के पालनाजी की एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। साध्वी सुव्रताश्रीजी के नेतृत्व में यह शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ त्रिभुवन कुमार, अरुण कुमार और राजीव रामपुरिया के निवास तक गई। इस दौरान त्रिशला माता को स्वप्न में दिखाई दिए 14 शुभ प्रतीकों की झाँकियाँ भी प्रदर्शित की गईं।

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