बीकानेर विकास प्राधिकरण को लेकर विरोध, “विनाश प्राधिकरण” का आरोप

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बीकानेर, 8 सितम्बर। गोचर ओरण संरक्षक संघ राजस्थान से जुड़ी विभिन्न गोचर संरक्षण समितियों ने बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) द्वारा गोचर भूमियों के अधिग्रहण के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। समितियों ने BDA पर बीकानेर के पर्यावरण, जैव विविधता और गोवंश को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए इसे “बीकानेर विनाश प्राधिकरण” करार दिया है।
जिला कलेक्टर का ‘अड़ियल’ रवैया
संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिव गहलोत ने आरोप लगाया कि जिला कलेक्टर गोचर समितियों की आपत्तियाँ सुनने से इनकार कर रहे हैं, जो सामाजिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि BDA ने बीकानेर शहर की परिधि को 35 किलोमीटर तक बढ़ा दिया है और इस क्षेत्र में आने वाले 185 गाँवों की गोचर, ओरण और जोहड़ भूमियों को आवासीय, व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों में बदलने की योजना बनाई है। यह कदम, गहलोत के अनुसार, बीकानेर के लोगों की साँसें छीन लेगा और इसे कंक्रीट के जंगल में बदल देगा।

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जन आंदोलन की चेतावनी
गोचर ओरण संरक्षण संघ के प्रदेश कार्य समिति सदस्य मनोज सेवक ने बताया कि BDA के मास्टर प्लान में लगभग 1.25 लाख बीघा गोचर भूमि को शामिल किया गया है, जो गोवंश और वन्यजीवों के लिए जीवनरेखा है। उन्होंने कहा कि इस अधिग्रहण से भविष्य में बीकानेर के आसपास कोई भी चारागाह या वन भूमि नहीं बचेगी।

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संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री, यूडीएच मंत्री, जिला कलेक्टर और आयुक्त को पत्र लिखकर इस योजना का विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी माँगें नहीं मानी गईं, तो वे जन आंदोलन शुरू करेंगे। बैठक में सूरज प्रकाश राव (नत्थानियान गोचर), कैलाश सोलंकी (गंगाशहर गोचर) और सूरजमाल सिंह नीमराना जैसे कई पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे, जिन्होंने इस अभियान में व्यापक भागीदारी का आह्वान किया।

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