बीकानेर में जन सुनवाई बनी ‘मजाक’, लोग परेशान


बीकानेर, 18 जुलाई। जिला प्रशासन द्वारा हर महीने आयोजित होने वाली जन सुनवाई आम जनता के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। पिछले महीने की तरह आज भी जिला कलेक्टर कार्यालय में जन सुनवाई में अपने परिवाद लेकर आए लोगों को भारी निराशा हाथ लगी।
घंटों इंतजार और फिर खानापूर्ति
आज सुबह 10 बजे से लोग अपनी शिकायतें लेकर इंतजार करते रहे, लेकिन दोपहर 2 बजे तक उन्हें बड़े अधिकारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (बीसी) में व्यस्त होने का हवाला देकर इंतजार करवाया गया। आखिरकार, जब जन सुनवाई शुरू हुई भी, तो यह केवल एक खानापूर्ति बनकर रह गई। परिवादियों को अपने परिवाद पत्र लौटाकर एडीएम प्रशासन के पास भेज दिया गया, जहां मात्र दस मिनट में उनकी सुनवाई कर ली गई। जनता संभागीय आयुक्त या जिला कलेक्टर के समक्ष अपनी पीड़ा सुनाने की उम्मीद से आती है, लेकिन इस अव्यवस्था से निराश होकर लौट रही है।




अधिवक्ता ने सीएमओ को लिखा पत्र
अधिवक्ता हनुमान प्रसाद शर्मा ने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को पत्र लिखकर इस स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने बताया कि पिछली जन सुनवाई की तरह इस बार भी सुबह 10 बजे से लोग अपने परिवाद लेकर बरसात में दोपहर 2 बजे तक सुनवाई का इंतजार करते रहे, जबकि जिला प्रशासन के आला अधिकारी बीसी में व्यस्त थे और जनता बाहर परेशान होती रही।


समाधान की मांग
शर्मा ने सुझाव दिया है कि जिला प्रशासन को बीसी और सतर्कता समिति की बैठकें जन सुनवाई से एक दिन पहले या एक दिन बाद आयोजित करनी चाहिए। ऐसा करने से आम जनता से जुड़े मुद्दों का समय पर समाधान हो सकेगा, जिससे अधिकारियों और जनता दोनों को लाभ होगा और समय की भी बचत होगी।