राजस्थानी भाषा जन जागरण अभियान कल बाल दिवस से शुरू


- उजास’ समारोह में होगी कहानी प्रश्नोत्तरी, मान्यता के लिए लोक जुड़ाव पर जोर
बीकानेर, 13 अक्टूबर 2025। राजस्थानी भाषा के प्रति आम जन को जागरूक करने और नई शिक्षा नीति के तहत इसकी मान्यता के लिए लोक जुड़ाव बनाने हेतु जन जागरण अभियान कल बाल दिवस (14 नवंबर) से शुरू किया जा रहा है।
आयोजक संस्था मरुभूमि शोध संस्थान के सचिव, साहित्यकार श्याम महर्षि ने बताया कि राजस्थानी का समृद्ध साहित्य और परम्परा होने के बावजूद इसे मान्यता न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। मान्यता के अभाव में राजस्थानी बच्चे अपने हक-हकूक से वंचित रह जाते हैं।
प्रभात फेरियां और रेलियाँ
संस्था के प्रकोष्ठ ‘राजस्थली’ द्वारा चलाए जा रहे इस जनजागरण अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नेतृत्व में विद्यार्थी प्रभात फेरियां और रेलियां निकालेंगे और भाषा की मान्यता की मांग को बुलंद करेंगे।


बच्चों के लिए ‘उजास’ समारोह
समारोह संयोजक साहित्यकार रवि पुरोहित ने बताया कि नई पीढ़ी को भाषा के संस्कारों से शिक्षित, संस्कारित और परिचित करवाने के लिए 16 नवंबर 2025, रविवार को राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति के प्रांगण में एक विशेष कार्यक्रम ‘उजास’ का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम बागेश्वरी साहित्य, कला, सांस्कृतिक विरासत संस्थान के सहयोग से प्रातः 10 बजे आयोजित होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद् साहित्यकार छगनलाल सेवदा करेंगे, जबकि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, श्रीडूंगरगढ़ श्रीमती सरोज पूनिया वीर मुख्य अतिथि होंगी।


प्रश्नोत्तरी: समन्वयक कवयित्री भगवती पारीक ने बताया कि ‘उजास’ कहानी प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में 100 से अधिक बच्चे शामिल होंगे। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले विद्यार्थियों को क्रमशः ₹1100, ₹700 और ₹500 के नगद पारितोषिक से पुरस्कृत किया जाएगा।
अन्य प्रस्तुतियाँ: समारोह प्रबंधक श्रीमती सरोज शर्मा ने बताया कि बच्चे नृत्य, गायन, एकाभिनय और कविता पाठ जैसी अपनी विभिन्न प्रतिभाओं का प्रदर्शन भी करेंगे।








