धर्म से होता कायाकल्प : साध्वी डॉ गवेषणाश्री

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quicjZaps 15 sept 2025
  • वीतराग कार्यशाला का आयोजन

चेन्नई/तिंडीवनम् , 9 मार्च। ( स्वरुप चन्द दाँती) युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या डा. साध्वी गवेषणाश्री का त्रिदिवसीय प्रवचन स्थानकवासी भवन, तिंडीवनम् में रहा।

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धर्म परिषद् को सम्बोधित करते हुए साध्वी डॉ गवेषणाश्री ने कहा कि पुस्तक की सुरक्षा के लिए कवर की, शरीर की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य की नितान्त आवश्यकता है। उसी तरह भगवान महावीर ने जीवन की सुरक्षा व इहलोक एवं परलोक की सुरक्षा के लिए धर्म की आवश्यकता बताई है। धर्म के क्षेत्र में छलावा या प्रदर्शन न हो। छल कपट, प्रपंच न हो। आत्मशुद्धि का साधन ही धर्म है।

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साध्वी श्री ने फरमाया कि तिण्डीवनम् श्रद्धा भक्ति से रंगा हुआ पुराना क्षेत्र है। यहां दक्षिण की मां स्व. साध्वी भातुजी, साध्वी नगीनाजी का 55 साल पहले चातुर्मास हुआ था, यहां के लोग सेवाभक्ति में भी अग्रसर रहते हैं।

साध्वी मयंकप्रभा ने कहा कि धर्म को उत्कृष्ट मंगल कहा गया है, जो अहिंसा, संयम व तप से युक्त है। धर्म वह द्वीप है, जिसके आश्रय से जीव संसार-सागर तैर लेता है। साध्वी मेरुप्रभा व साध्वी दक्षप्रभा के सुमधुर गीतों ने जनता को सराबोर कर दिया ।

तेरापंथ सभाध्यक्ष दिनेश, रमेश, सुरेश, विशाल, राहुल, श्रेयांस, मानव, मुदित कुलदीप, जिनेन्द्र, उगम आदि युवकों ने बहुत ही उत्साह दिखाया। माणकचन्द, उत्तमचन्द, भरत, राकेश आदि का निर्देशन अनुभव पूर्ण है।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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