साहित्य, भाषा और संस्कृति के संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए निरंतर कार्यशील है प्रदेश सरकार : लखावत


राजस्थान धरोहर प्राधिकरण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत चूरू आए, प्रयास संस्थान की ओर से आयोजित राजस्थानी साहित्यकार सम्मान समारोह में की शिरकत, साहित्यकारों का किया सम्मान



चूरू, 07 दिसंबर। राजस्थान धरोहर प्राधिकरण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत चूरू आए और जिला मुख्यालय स्थित सूचना केंद्र में प्रयास संस्थान की ओर से आयोजित राजस्थानी साहित्यकार सम्मान समारोह में शिरकत कर साहित्यकारों का सम्मान किया। इस मौके पर संबोधित करते हुए प्राधिकरण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार साहित्य, भाषा और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए निरंतर कार्यशील है। राजस्थानी भाषा हमारी पहचान, गौरव और ऐतिहासिक धरोहर का केंद्र है।उन्होंने कहा कि प्राधिकरण लोकदेवता तेजाजी, महाराणा प्रताप, मीराबाई, करमा बाई, पाबूजी के विचारों, गीतों सहित अपनी समृद्ध विरासत व धरोहर के संरक्षण के लिए कार्ययोजना पर काम कर रही है। हमारी सरकार लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से मेड़ता में मीराबाई भक्ति सर्किट के निर्माण की प्रक्रिया कर रही है। इसमें सभी लाक देवी—देवताओं की भक्ति रचनाओं को आधुनिक तकनीकी विधाओं के माध्यम से प्रदर्शित करने की कार्ययोजना पर गंभीरता से विचार कर रही है और उसकी तकनीकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसी क्रम में महाराणा प्रताप के सर्किट सहित महापुरुषों के पैनोरमा व स्मारकों के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।



राजस्थानी भाषा की मान्यता के बारे में चर्चा करते हुए लखावत ने कहा कि हम राजस्थानी भाषा में समृद्ध साहित्य पर सामूहिक रूप से सभी वर्गों के साथ मिलकर योजना को सफल बनाने में लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र –मोदी के निर्देश पर प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में दिया जाना प्रारंभ किया गया है। इसी क्रम में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषा व बोलियों में पाठ्यक्रम तैयार कर प्रारंभिक शिक्षा दी जा रही है। मातृभाषा की समृद्धि के लिए उठाया गया बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा कि हम सभी वचनबद्ध होकर सामूहिक प्रयासों से समाज को समृद्ध विरासत दें। उन्होंने कहा कि साहित्यकार अपने लेखन से आने वाली पीढ़ियों को न केवल भाषा से जोड़ते हैं, बल्कि उन्हें सांस्कृतिक जड़ों से भी परिचित कराते हैं।
उन्होंने कार्यक्रम में साहित्यकार नागराज शर्मा, हरीश बी शर्मा, संतोष चौधरी, मदन सैनी, सगमानंद, जेठानंद आदि का प्रशस्ति—पत्र, माल्यार्पण, साफा पहनाकर सम्मानित किया।
साहित्यकार नागराज शर्मा, हरीश बी शर्मा, संतोष चौधरी, मदन सैनी, सगमानंद, जेठानंद आदि वक्ताओं ने राजस्थानी साहित्य, इतिहास और धरोहर संरक्षण की दिशा में सकारात्मक प्रयासों की बात कही। दुलाराम सहारण ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की जानकारी दी।
इस दौरान बड़ी संख्या में साहित्यकार, साहित्य प्रेमियों, विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संचालन कमल शर्मा ने किया।








