थाना प्रभारी पर नाबालिग बलात्कार पीड़िता व उसकी मां के साथ यौन शोषण का गंभीर आरोप,पुलिस सिस्टम पर सवाल, SHO सस्पेंड

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quicjZaps 15 sept 2025

जालंधर। पंजाब के जालंधर जिले के फिल्लौर थाना प्रभारी (SHO) भुषण कुमार पर एक 14 वर्षीय नाबालिग बलात्कार पीड़िता और उसकी मां के साथ यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। यह घटना अगस्त 2025 में हुई, जब पीड़िता और उसकी मां थाने पहुंची थीं, लेकिन इसके बजाय उन्हें कथित तौर पर और प्रताड़ित होना पड़ा। इस मामले ने न केवल स्थानीय पुलिस बल बल्कि पूरे पंजाब पुलिस सिस्टम की विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं और पीड़ित पक्ष ने POCSO एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है, जबकि SHO को विभाग ने तत्काल स्थानांतरित कर दिया है।
घटना का विस्तृत विवरण
अगस्त 2025 में, फिल्लौर के गढ़ा क्षेत्र की एक प्रवासी महिला और उनकी 14 वर्षीय बेटी थाने पहुंचीं। बेटी के साथ पहले से ही एक बलात्कार का मामला दर्ज था, और वे आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने आई थीं। पीड़िता के चाचा ने बताया कि थाने पहुंचने पर डॉक्टरों ने इलाज शुरू करने से पहले थाने जाने की शर्त रखी, क्योंकि मामला “पुलिस केस” था। जब वे SHO भुषण कुमार से मिले, तो कथित तौर पर उन्होंने पीड़िता को अलग कमरे में बुलाया और यौन शोषण किया। इसके अलावा, मां को भी धमकियां दी गईं और FIR दर्ज करने में जानबूझकर देरी की गई।
पीड़िता के चाचा ने बताया, “हम सिविल अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि पहले थाने जाओ। वहां पहुंचे तो SHO ने बेटी को अकेले बुलाया। बाद में पता चला कि उसके साथ दुर्व्यवहार हुआ। हमने तुरंत शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।” यह आरोप लोक इंसाफ मंच पंजाब के सदस्यों ने भी दोहराए, जिनमें जर्नेल फिल्लौर, परशोत्तम फिल्लौर, पूर्व सरपंच राज कुमार, मास्टर हंस राज, रामजी दास गन्ना गांव और सोम नाथ सेकूपुर जैसे नेता शामिल हैं। उन्होंने SHO को बर्खास्त करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन तेज होगा।
पुलिस की प्रतिक्रिया और विभागीय कार्रवाई
जालंधर ग्रामीण के DSP सरवान सिंह बल ने बताया, “लोग आरोप लगा सकते हैं, लेकिन सत्यापन के बाद ही निष्कर्ष निकाला जा सकता है। SHO भुषण कुमार को तुरंत स्थानांतरित कर दिया गया है। जांच चल रही है, और अगर आरोप सही पाए गए तो कड़ी कार्रवाई होगी।” हालांकि, SHO भुषण कुमार ने फोन पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कॉल काट दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना (पैरिफॉरइंडिया की संस्थापक और एंटी-रेप एक्टिविस्ट) ने सोशल मीडिया पर इस मामले को उजागर करते हुए कहा, “जब अपराध करने वाला ही कानून का रखवाला बन जाए, तो इंसाफ की नींव हिल जाती है। लाइन हाजिर करने से न्याय नहीं मिलेगा—जब तक POCSO एक्ट में मुकदमा दर्ज नहीं होगा, इंसाफ अधूरा रहेगा।” उनके पोस्ट को हजारों लोगों ने देखा और समर्थन दिया।
पंजाब पुलिस सिस्टम पर सवाल
यह घटना पंजाब पुलिस पर एक और कलंक है। हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने जालंधर पुलिस की “लापरवाह जांच” पर सवाल उठाए थे, जहां एक 13 वर्षीय नाबालिग के साथ उसके मामा द्वारा यौन शोषण के मामले में आरोपी को गिरफ्तार न करने पर पुलिस आयुक्त को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था। जस्टिस नमित कुमार ने कहा था कि पुलिस की “रिलक्टेंट अप्रोच” और “शीयर इनकॉम्पिटेंस” से राज्य की मशीनरी की सारी हकीकत सामने आ गई है।
विपक्षी दलों और महिला संगठनों ने मांग की है कि इस मामले में स्वतंत्र जांच हो और POCSO एक्ट के तहत तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। लोक इंसाफ मंच के सदस्यों ने कहा कि अगर SHO को सस्पेंड नहीं किया गया, तो वे फिल्लौर थाने के बाहर धरना देंगे।
पीड़िता की स्थिति और मांगें
पीड़िता और उसकी मां वर्तमान में डरी हुई हैं। परिवार ने बताया कि शोषण के बाद बेटी मानसिक तनाव में है, और उन्हें सुरक्षा की जरूरत है। पीड़ित पक्ष ने मांग की है:

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L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY
  • POCSO एक्ट के तहत FIR दर्ज हो।
  • SHO भुषण कुमार को तुरंत सस्पेंड किया जाए।
  • पीड़िता को मुफ्त चिकित्सा और काउंसलिंग प्रदान की जाए।
  • मामले की निष्पक्ष जांच के लिए SIT गठित हो।

पंजाब महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है और जल्द ही जालंधर का दौरा करने की योजना बना रहा है। यह घटना न केवल एक परिवार की जिंदगी बर्बाद कर रही है, बल्कि पूरे समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है।

pop ronak
kaosa
mmtc 2 oct 2025

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