बीकानेर में सूफी और गजल की शाम: वुसत इकबाल खान ने मोहा मन



- विरासत संवर्द्धन संस्थान’ का सफल आयोजन
बीकानेर, 17 अगस्त। विरासत संवर्द्धन संस्थान द्वारा टी.एम. ऑडिटोरियम में एक मनमोहक सूफी और गजल संध्या का आयोजन किया गया, जिसने संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत में टोडरमल लालानी ने सभी कलाकारों और संगीत रसिकों का स्वागत करते हुए सूफी संगीत के लगभग 900 साल पुराने इतिहास और खुदा से इश्क़ की भावना के साथ उसके जुड़ाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उसी समर्पण परम्परा में समय के साथ बदलाव होकर सूफी संगीत का आज का स्वरूप बना है। लालानी ने दिल्ली घराने में इकबाल खान और उनके पूर्वजों के महत्व को बताते हुए कहा कि आज की मुख्य गायिका वुसत इकबाल खान उसी समृद्ध विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।





भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ और जुगलबंदी
वुसत इकबाल खान ने अपनी प्रस्तुतियों का आगाज लोकप्रिय सूफी कलाम ‘जुगनी’ से किया। इसके बाद उन्होंने ‘छाप तिलक’, ‘आपकी नजरों ने’, ‘आज जाने की जिद्द न करो’ और मीरां के कृष्ण प्रेम को दर्शाते हुए ‘सांसों की माला में सिमरूं मैं पी का नाम’ जैसी सुमधुर प्रस्तुतियाँ दीं, जिनसे श्रोताओं का मन मोह लिया।
इस सूफी और गजल केंद्रित कार्यक्रम में गायक आशुतोष शर्मा ने भी अपनी गजलें प्रस्तुत कीं। इस दौरान वुसत और आशुतोष ने ‘लंबी जुदाई’ और ‘आज जाने की ज़िद ना करो’ सहित कई गजलों की शानदार जुगलबंदी पेश की, जिसे खूब सराहा गया।


स्थानीय कलाकारों का योगदान और संगतकारों की भूमिका
इस संगीतमय शाम में हेमन्त डागा ने भी ‘कोई सागर दिल को बहलाता नहीं’ गजल सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पं. पुखराज शर्मा ने जब राजस्थानी विरासत के मांड गीत ‘हेलो देतां लाज मरूं, झालो म्हासूं दियो नहीं जाय’ गाया, तो पूरा ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वालिफ इकबाल, शहदाब खान और महरोज ने कोरस में सहयोग किया। वहीं, अदनान खान ने तबले पर, फ़ैज़ आरिफ़ ने ढोलक पर, समीर अहमद ने की-बोर्ड पर और चांद मोहम्मद ने ऑक्टोपेड पर संगत की। तबला उस्ताद गुलाम हुसैन ने पंडित पुखराज शर्मा के साथ संगत कर कार्यक्रम को और भी समृद्ध बनाया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस संगीतमय आयोजन में एडिशनल एसपी सीमा हिंगोनिया, कामेश सहल, मनोहर सिंह, भैरव प्रसाद कत्थक, संपतलाल दूगड़, पंकज ओझा, चंपालाल डागा, एडवोकेट किशन लाल बोथरा, प्रीति डागा, शांतिलाल कोचर, हेमंत डागा, गिरीराज खैरीवाल, डॉ. पीडी तंवर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।