एनआरसीसी में ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ का समापन


पर्यटन और पशुपालन में स्वच्छता को बनाया आधार, प्रेस वार्ता में गिनाईं उपलब्धियां


बीकानेर, 31 दिसंबर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (NRCC), बीकानेर में भारत सरकार के निर्देशानुसार 16 से 31 दिसम्बर तक आयोजित किए गए ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ का बुधवार को औपचारिक समापन हुआ। इस अभियान के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से संस्थान परिसर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें स्वच्छता के महत्व के साथ-साथ ऊंटों के संरक्षण और अनुसंधान से जुड़ी प्रमुख जानकारियाँ साझा की गईं।


पर्यटन और स्वच्छता का गहरा नाता
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्र निदेशक डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने कहा कि स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं, बल्कि जीवन पद्धति का हिस्सा बननी चाहिए। उन्होंने रेखांकित किया कि एनआरसीसी न केवल एक प्रमुख अनुसंधान केंद्र है, बल्कि विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। यहां प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी, किसान और विद्यार्थी आते हैं। ऐसे में केंद्र की स्वच्छ छवि बीकानेर के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर मजबूती प्रदान कर रही है। डॉ. पूनिया के अनुसार, स्वच्छता के प्रति मानसिकता में आए बदलाव से अब सार्वजनिक स्थलों और पर्यटन केंद्रों की स्थिति में क्रांतिकारी सुधार दिख रहा है।
स्वच्छ दूध उत्पादन और पशुपालकों को प्रोत्साहन
ऊंटों के प्रबंधन पर चर्चा करते हुए निदेशक ने कहा कि केंद्र द्वारा पशुपालकों को स्वच्छता और ‘स्वच्छ दूध उत्पादन’ के प्रति निरंतर जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाइजीन (स्वच्छता) बनाए रखने से पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, जिससे दुग्ध उत्पादन और पशुपालकों की आय में वृद्धि होती है। उन्होंने ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों, उष्ट्र पोषण और बदलते परिवेश में ऊंटों के संरक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया।
पखवाड़े की गतिविधियों का रिपोर्ट कार्ड
स्वच्छता पखवाड़ा की नोडल अधिकारी डॉ. अरुणा कुनियाल ने पिछले 15 दिनों में आयोजित विभिन्न गतिविधियों का संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान केंद्र के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने सामूहिक श्रमदान, जागरूकता रैलियां और पोस्टर प्रतियोगिताओं के माध्यम से स्वच्छता का संदेश प्रसारित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस.के. घोरुई, डॉ. वेद प्रकाश और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अखिल ठुकराल भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन मुख्य तकनीकी अधिकारी नेमीचंद बारासा ने किया।








