जैन धर्म का ज्ञान, दर्शन और संदेश सभी के लिए कल्याणकारी- गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर



बीकानेर , 23 अक्टूबर । गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने गुरुवार को सुगनजी महाराज के उपासरे में प्रवचन देते हुए कहा कि जिन शासन यानी जैन धर्म का ज्ञान, दर्शन और संदेश सभी जीव मात्र के लिए अत्यंत सार्थक और कल्याणकारी है। उन्होंने इस कल्याण को प्राप्त करने के लिए सही नजरिया, दृष्टि, श्रद्धा और नौ तत्वों में जीव-अजीव के भेद को जानना आवश्यक बताया।




मोक्ष प्राप्ति के लिए चिंतन और पुरुषार्थ जरूरी



गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने कहा कि जीव का अंतिम लक्ष्य मोक्ष होना चाहिए और मोक्ष की भावना के बिना जीवन व्यर्थ है। उन्होंने मोक्ष प्राप्ति पर जोर देते हुए कहा कि पहले मोक्ष का चिंतन, मन और लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, और उसके बाद उसकी प्राप्ति के लिए सही आचरण व पुरुषार्थ करना चाहिए। उन्होंने समझाया कि जीव-अजीव का सही ज्ञान न होने तक प्राणी मात्र के प्रति अहिंसा, करुणा, दया और अनुकंपा की भावना उत्पन्न नहीं होती है। उन्होंने भक्तों को सभी तरह की हिंसाओं से बचने और पुण्यों का सृजन करने की सलाह दी, क्योंकि जीव तत्वों को सताने, पीड़ा पहुँचाने और उनके साथ हिंसा करने से पाप और नरक का बंधन होता है।

