राजस्थान कबीर यात्रा का आयोजन अब ‘लोकायन’ और ‘मलंग फोक फाउंडेशन’ के संयुक्त तत्वावधान में



बीकानेर, 30 सितंबर । राजस्थान कबीर यात्रा के आगामी आयोजन को लेकर जिला न्यायालय में दायर विवाद पर आज सुनवाई हुई। जिला न्यायाधीश श्री अतुल कुमार सक्सेना ने लोक हित और दोनों पक्षों की आपसी समझाइश को ध्यान में रखते हुए निर्देश जारी किया कि कबीर यात्रा का आयोजन अब ‘लोकायन’ और ‘मलंग फोक फाउंडेशन’ के संयुक्त तत्वावधान में होगा।
विवाद का कारण और न्यायालय का निर्देश
विवाद की पृष्ठभूमि: कबीर यात्रा की शुरुआत लोकायन ने की थी और अब तक इसके सात संस्करणों का आयोजन लोकायन ही करता रहा है। लेकिन इस बार मलंग फोक फाउंडेशन ने स्वयं को आयोजक बताते हुए प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया। इस पर लोकायन संस्था के कोषाध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्यों ने अपने हितों की रक्षा के लिए न्यायालय में प्रतिनिधित्व वाद दायर किया था।




न्यायालय का निर्णय: न्यायाधीश ने सांस्कृतिक महत्व, लोक कलाओं और सूफी संगीत के लिए आयोजित होने वाली कबीर यात्रा को संस्थागत विवाद के कारण न रुकने देने के निर्णय से होने वाली क्षति पर विचार किया। इस लोक हित को देखते हुए, मलंग फोक फाउंडेशन को निर्देश दिया गया कि आयोजन में लोकायन को भी आयोजक बनाया जाए और यह संयुक्त रूप से आयोजित हो।



आगे की सुनवाई: वाद में दायर अन्य महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं—जैसे कार्यकारिणी चुनाव को अवैध करार देना, वित्तीय अनियमितताओं और लोकायन के बैनर तले होने वाले आयोजनों को किसी और संस्था द्वारा न करने देने—पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 अक्टूबर तय की गई है।
संयुक्त आयोजन पर बनी सहमति
न्यायाधीश के इस आदेश पर दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की। अब 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक कबीर यात्रा के कार्यक्रम बीकानेर, कलासर, छतरगढ़, कालू और कतरियासर में लोकायन और मलंग फोक फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जाएँगे।

