तप जप से आत्मा शुद्ध होती है- मुनि कमल कुमार


गंगाशहर 12 दिसम्बर । तप जप स्वाध्याय से आत्मा शुद्ध होती हैं। गंगाशहर तेरापंथ भवन में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार के पावन सान्निध्य में पोष महिने में तपस्या का अच्छा रंग खिला है। मुनि नमि कुमार जी के 24 की तपस्या है 25 का प्रत्यारव्यान किया सुरेन्द्र भूरा ने 20 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया विनोद आंचलिया, आंचल बैद में 8 का प्रत्याख्यान किया सभा के उपाध्यक्ष पवन छाजेड़ ने 5 का प्रत्याख्यान किया। मुनि श्री ने फरमाया तप, जप व स्वाध्याय असली सोना है इनसे कर्म निर्जरा के साथ आत्मा की शुद्धि होती है। जैसे सोने और चांदी को तपाने से खाद अलग हो जाती है उसी प्रकार समभाव पूर्वक तपस्या करने से आत्मा शुद्ध होती है। मुनिश्री ने पचरंगी तप में सहभागी बनने वालों के नाम भी सुनाएं आज से पाश्र्वनाथ जयंती के उपलक्ष्य मे तप जप प्रारंभ किया गया है।











