खेलते-खेलते टाई बनी मौत का फंदा: बीकानेर में 10 वर्षीय मासूम की दुखद मौत

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बीकानेर, 31 जुलाई। राजस्थान के बीकानेर जिले में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है, जहाँ श्रीडूंगरगढ़ तहसील के गुसाईसर बड़ा गाँव में खेलते-खेलते 10 वर्षीय मासूम कानाराम कुम्हार की गले में टाई फंसने से मौत हो गई। यह हादसा बुधवार शाम को हुआ, जिसने पूरे गाँव को झकझोर कर रख दिया है। खेल-खेल में हुआ भीषण हादसा-बच्चे के दादा पेमाराम प्रजापत ने बताया कि कानाराम (11) अपने भाई-बहन के साथ गुसाईसर बड़ा के एक स्कूल में पढ़ता था। छुट्टी के बाद तीनों घर लौटे थे। उनकी माँ रसोई में खाना बना रही थीं, और बहन घर के बाहर थी। कानाराम और उसका भाई कमरे में खेल रहे थे। खेल-खेल में ही कानाराम की स्कूल टाई कमरे में लगी एक लोहे की खूंटी (हुक) में फंस गई। मासूम खुद को छुड़ाने के लिए जैसे-जैसे घूमता गया, टाई उसके गले में और कसती चली गई, जिससे उसका दम घुटने लगा। कानाराम को कुछ समझ ही नहीं आया कि वह किस खतरे में है।

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माँ पहुँची, पर बहुत देर हो चुकी थी
कमरे से हल्की चीख और आवाज़ें सुनकर माँ तुरंत रसोई से दौड़ती हुई आईं। उन्होंने बेटे को एक अजीब स्थिति में फँसा हुआ देखा और फौरन उसे नीचे उतारा। तत्काल उसे नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने कानाराम को देखते ही मृत घोषित कर दिया। हेड कॉन्स्टेबल देवाराम ने बताया कि मामले की जानकारी अस्पताल से मिली थी, लेकिन परिवार ने किसी प्रकार का मामला दर्ज नहीं कराया है।

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गाँव में मातम और परिवारों के लिए चेतावनी
इस घटना से पूरे गुसाईसर बड़ा गाँव में मातम पसरा हुआ है। बच्चे के दादा पेमाराम प्रजापत ने बताया कि उनका पोता बहुत होशियार और हंसमुख था, उसे खेलने का बहुत शौक था। परिवार अभी भी सदमे में है और इस अकल्पनीय अनहोनी पर यकीन नहीं कर पा रहा है। यह दुखद हादसा केवल एक परिवार का शोक नहीं, बल्कि हर घर के लिए एक बड़ी चेतावनी है। यह घटना याद दिलाती है कि कभी-कभी छोटी सी लापरवाही या अनजाने में हुआ खेल भी बहुत बड़ा दुख दे सकता है। बच्चों की सुरक्षा के प्रति हमेशा सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है।

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बीकानेर में एक मासूम बच्चे की टाई से हुए दुखद हादसे के बाद, स्कूलों में टाई पहनने की परंपरा पर पुनर्विचार का विषय सामने आता है। यह घटना सिर्फ एक त्रासदी नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण चेतावनी है जो हमें बच्चों की सुरक्षा और स्कूल यूनिफॉर्म के व्यावहारिक पहलुओं पर सोचने को मजबूर करती है।

टाई पहनने से जुड़े जोखिम और सुरक्षा चिंताएं
टाई, खासकर छोटे बच्चों के लिए, कई सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकती है:

फंसने का खतरा: खेल के मैदान में, क्लासरूम में, या यहाँ तक कि घर में भी, टाई किसी चीज़ में फंसकर बच्चे को घायल कर सकती है या दम घुटने का कारण बन सकती है, जैसा कि बीकानेर की घटना में हुआ। मशीनरी, दरवाजों के हैंडल, या खेल उपकरणों में फंसने की संभावना हमेशा रहती है।

असुविधा और गर्मी: टाई अक्सर बच्चों के लिए असुविधाजनक होती है, खासकर गर्म मौसम में या शारीरिक गतिविधियों के दौरान। यह बच्चों को असहज महसूस करा सकती है और उनकी एकाग्रता को प्रभावित कर सकती है।

दैनिक उपयोग की अव्यवहारिकता: टाई को ठीक से बांधना और पहनना छोटे बच्चों के लिए मुश्किल हो सकता है। यह सुबह के समय तैयार होने की प्रक्रिया को जटिल बना सकता है और बच्चों के लिए अतिरिक्त दबाव पैदा कर सकता है।

टाई के पक्ष में तर्क और उसका प्रतीकात्मक महत्व
पारंपरिक रूप से, टाई को स्कूल यूनिफॉर्म का एक अभिन्न अंग माना जाता है, जो कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

अनुशासन और औपचारिकता: टाई को अक्सर अनुशासन, औपचारिकता और छात्रों के बीच समानता की भावना से जोड़ा जाता है। यह स्कूल के माहौल को अधिक गंभीर और सीखने-केंद्रित बनाने में मदद करती है।

पहचान और एकता: एक विशिष्ट टाई स्कूल की पहचान का हिस्सा होती है और छात्रों में अपने स्कूल से जुड़ाव और एकता की भावना को बढ़ावा देती है।

पेशेवर दिखने का अभ्यास: कुछ लोग मानते हैं कि स्कूल में टाई पहनना बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करता है, जहाँ उन्हें कार्यस्थल पर औपचारिक पोशाक पहननी पड़ सकती है।

संभावित विकल्प और आगे का रास्ता
यदि स्कूलों में टाई को हटाना या उसमें बदलाव करना एक विकल्प है, तो हमें सुरक्षित और व्यावहारिक विकल्पों पर विचार करना होगा:

टाई रहित यूनिफॉर्म: कई स्कूलों में पहले से ही टाई रहित यूनिफॉर्म है, जहाँ शर्ट, पैंट/स्कर्ट और स्वेटर/ब्लेज़र को प्राथमिकता दी जाती है। यह औपचारिक रूप को बनाए रखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

अधिक सुरक्षित टाई डिज़ाइन: यदि टाई को बनाए रखना है, तो ऐसे डिज़ाइन पर विचार किया जा सकता है जो सुरक्षा के लिए हों, जैसे कि क्लिप-ऑन टाई या ऐसी टाई जो आसानी से टूट जाए यदि वह फंस जाए।

स्कूलों में जागरूकता अभियान: बच्चों और अभिभावकों को टाई पहनने के दौरान होने वाले संभावित खतरों के बारे में जागरूक करना महत्वपूर्ण है।

इस दुखद घटना के बाद, यह आवश्यक है कि स्कूल प्रशासन, अभिभावक और शिक्षा विशेषज्ञ एक साथ आएं और इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें। बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और स्कूल की परंपराओं और व्यावहारिक आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। क्या आप मानते हैं कि स्कूलों में टाई पहनने की अनिवार्यता को समाप्त कर देना चाहिए या इसमें सुरक्षा-संबंधित सुधार किए जाने चाहिए?

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