जीवन के बाद भी सेवा की भावना – कमलचन्द भंसाली का देहदान संकल्प

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quicjZaps 15 sept 2025

गंगाशहर, 16 अप्रैल। गंगाशहर के मूल निवासी और वर्तमान में कोलकाता में निवासरत श्री कमलचन्द भंसाली ने मृत्यु के उपरांत अपने शरीर को चिकित्सा शिक्षा हेतु दान करने का संकल्प लिया है। 63 वर्षीय श्री भंसाली, स्वर्गीय कन्हैयालाल भंसाली के पुत्र हैं। उन्होंने मंगलवार को बीकानेर स्थित एस.पी. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी की उपस्थिति में देहदान घोषणा पत्र भरकर यह निर्णय सार्वजनिक किया। इस अवसर पर उनके निकट संबंधी एवं दामाद श्री विनय चोपड़ा उपस्थित रहे। देहदान फॉर्म पर गवाह के रूप में शांतिलाल मारु और नीलेश मारु ने हस्ताक्षर किए।

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प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि देहदान घोषणा एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें व्यक्ति यह लिखित रूप से घोषित करता है कि वह अपनी मृत्यु के बाद अपने शरीर को चिकित्सा अध्ययन और अनुसंधान हेतु दान करना चाहता है। यह दस्तावेज कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होता, किंतु इसका शैक्षणिक और सामाजिक महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉ. सोनी ने बताया कि मेडिकल छात्रों के लिए शरीर रचना एवं अन्य चिकित्सा विषयों की पढ़ाई में देहदान अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। इच्छुक व्यक्ति देहदान हेतु संबंधित फॉर्म किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज अथवा अस्पताल से प्राप्त कर सकते हैं या इसे ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है। यह फॉर्म गवाहों के हस्ताक्षर के साथ संस्थान में जमा कराया जाता है।

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सम्पादकीय टिप्पणी –

समाज में देहदान को लेकर बढ़ती जागरूकता के बीच श्री भंसाली का यह निर्णय न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि मानवीय सेवा का सशक्त उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

 

mmtc 2 oct 2025

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