महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में अनाधिकृत बैठक और घाटे का बजट, विधायक ने जताई आपत्ति


बीकानेर, राजस्थान, 14 जून। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (MGSU), बीकानेर में शुक्रवार, 14 जून 2025 को प्रबंध बोर्ड की एक विशेष बैठक विवादों के घेरे में आ गई है। श्रीडूंगरगढ़ से विधायक ताराचंद सारस्वत ने राज्यपाल हरिभाऊ बागडे को पत्र लिखकर बैठक को ‘अनाधिकृत’ बताया है और वित्तीय अनियमितताओं पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है।




अनाधिकृत बैठक का आरोप
विधायक ताराचंद सारस्वत, जो राज्य सरकार द्वारा मनोनीत विधायक सदस्य के रूप में बैठक में उपस्थित थे, ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि उच्च शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार के 2 जनवरी 2025 के संलग्न पत्र में स्पष्ट निर्देश थे कि जब तक राज्य सरकार के अन्य मनोनीत सदस्य नियुक्त नहीं हो जाते, तब तक प्रबंध मंडल जैसी निकाय की बैठक आयोजित न की जाए। सारस्वत के अनुसार, उन्होंने इस जानकारी से कुलपति श्री मनोज दीक्षित और वित्त नियंत्रक श्री अरविंद बिश्नोई को अवगत कराया, लेकिन उन्होंने सरकार की स्वीकृति होने का दावा किया, हालांकि इसका कोई आदेश उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके बावजूद बैठक आयोजित की गई।


घाटे का बजट और वित्तीय चिंताएं
बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रस्तुत किया गया, जिसे विधायक सारस्वत ने ‘घाटे का बजट’ बताया। बजट में ₹15,591 लाख की आय के मुकाबले ₹17,936 लाख का व्यय अनुमानित किया गया है। सारस्वत ने बजट में कई मदों को अनावश्यक व्यय करार देते हुए इस पर आपत्ति जताई और कुलपति व वित्त नियंत्रक से संशोधित बजट प्रस्तुत करने का आग्रह किया। उनके अनुसार, कुलपति और वित्त नियंत्रक ने आश्वासन दिया था कि बजट को अनुमोदित नहीं किया जाएगा।
आश्वासन के बावजूद बजट अनुमोदित
विधायक सारस्वत ने आरोप लगाया कि आश्वासन के बावजूद उन्हें बजट अनुमोदित करने का कार्यवृत्त प्रेषित कर दिया गया है। उन्होंने इसे विश्वविद्यालय के कुलपति और वित्त नियंत्रक का ‘गरिमामय कृत्य नहीं’ बताया।
विश्वविद्यालय में पहले की अनियमितताएं
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में पहले भी अनियमितताएं सामने आई थी, थार एक्सप्रेस ने पहले भी उनको उजागर किया था जिनमें अमित पांडे के रूप में एक एजेंट की उपस्थिति तथा उसकी गलत दंग से नियुक्ति , भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा सात लाख रुपये की बरामदगी, और विश्वविद्यालय कोष को निजी बैंकों में स्थानांतरित करना शामिल है। इससे स्पष्ट होता है कि कुलपति मनोज दीक्षित और वित्त नियंत्रक अरविंद बिश्नोई के कार्यकाल में लगातार भ्रष्टाचार हो रहा है।
राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग
ताराचंद सारस्वत ने राज्यपाल महोदय से इस विषय पर संज्ञान लेने और विश्वविद्यालय के कुलपति व वित्त नियंत्रक को उनकी दर्ज आपत्तियों के अनुसार बजट को संशोधित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है, ताकि विश्वविद्यालय के धन का दुरुपयोग रोका जा सके। इस पत्र की प्रतिलिपि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी, मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बेरवा, उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्रीमती दिया कुमारी, प्रमुख सचिव (उच्च शिक्षा विभाग) और महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति श्री मनोज दीक्षित को भी आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित की गई है।