बीकानेर में मानसून की सबसे तेज बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त, केईएम रोड फिर बना तालाब

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बीकानेर, 11 जुलाई। बीकानेर में शुक्रवार को मानसून की अब तक की सबसे तेज बारिश दर्ज की गई, जिससे शहर के कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित हुआ। दोपहर करीब दो बजे शुरू हुई बारिश का सिलसिला लगभग डेढ़ घंटे तक अनवरत जारी रहा। बीकानेर शहर के साथ-साथ आसपास के गांवों में भी अच्छी बारिश हुई है। बारिश के चलते कई घंटे बिजली गुल रही। दोपहर 12 बजे के बाद से ही बीकानेर शहर पर बादलों का जमावड़ा शुरू हो गया था। दोपहर दो बजे तक बादल बरसना शुरू हुए और साढ़े तीन बजे तक लगातार बरसते रहे। इस भारी बारिश के कारण कच्ची बस्तियों में पानी जमा हो गया, वहीं कुछ मोहल्लों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया।  पुरानी गिन्नाणी के लिए यह बारिश एक बार फिर आफत बनकर आई है। यहां अधिकांश निवासियों ने अपने घरों को सड़क स्तर से ऊपर उठा लिया है, लेकिन इसके बावजूद पानी घरों के अंदर घुस गया। गली की सड़कें तालाब का रूप ले चुकी थीं।

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केईएम रोड फिर बना तालाब
शहर के अंदरूनी क्षेत्रों से पानी तेज बहाव के साथ केईएम रोड पर पहुंच गया। पानी इतनी तेज़ी से बह रहा था कि कई सामान भी अपने साथ बहा ले गया। बड़ी संख्या में लोग दुकानों के शटर के नीचे खड़े होकर बारिश रुकने का इंतजार करते रहे, लेकिन एक घंटे बाद भी बारिश उसी गति से जारी रही।

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सूरसागर में मरम्मत कार्य पर पानी फिरा
कुछ दिन पहले ही प्रशासन ने सूरसागर में मरम्मत का काम शुरू किया था, लेकिन इस तेज बारिश ने पूरे काम पर पानी फेर दिया। यहां पड़ा कच्चा सामान भी बारिश में बह गया। शहर के अंदरूनी क्षेत्र के साथ ही पब्लिक पार्क और पुरानी गिन्नाणी का पानी भी सूरसागर में पहुंच गया। बड़ी संख्या में लोग सूरसागर और जूनागढ़ के बीच की सड़क पर फंस गए। दुपहिया वाहनों के पहिए पूरी तरह से पानी में डूब गए। उधर, जूनागढ़ की खाई में भी फिर से पानी भर गया है।

 

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