राजराजेश्वरी नगर में दीक्षार्थी मुमुक्षु प्रीत कोठारी का अभिनंदन



राजराजेश्वरी नगर, 8 अगस्त। राजराजेश्वरी नगर के तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी पुण्ययशा जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी मुमुक्षु भाई प्रीत कोठारी का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।
साध्वीश्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि वीर व्यक्ति ही संयम पथ का अनुसरण करता है। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति के भीतर संयम की चेतना जागृत होती है, तभी वह त्याग और वैराग्य के पथ पर अग्रसर होता है। वैराग्य के कारण ही ‘कोऽहं’ (मैं कौन हूँ) का प्रश्न उत्पन्न होता है, और जब इसका समाधान प्राप्त होता है, तब त्याग और वैराग्य की भावना जागृत होती है। उन्होंने मुमुक्षु प्रीत को प्राण, वचन और बल से गुरु सन्निधि में समर्पित रहने का संदेश दिया।




मुमुक्षु प्रीत कोठारी ने भी इस अवसर पर अपने मनोभाव व्यक्त किए। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राकेश जी छाजेड़ ने दीक्षार्थी भाई प्रीत कोठारी के संयमी जीवन की मंगलकामना करते हुए उनका अभिनंदन किया। साध्वी बोधिप्रभाजी ने एक गीत के माध्यम से भाई प्रीत के भावी जीवन की मंगल कामना की। कार्यक्रम का सफल संचालन मंत्री गुलाब बाँठिया ने किया।

