तपस्वी रचना रांका ने मासखमण तप की अनुमोदना के लिए किए चरित्रात्माओं के दर्शन



बीकानेर, 22 अगस्त। सूरजमल रांका परिवार की सुश्राविका रचना रांका ने अपने मासखमण तप (पूरे महीने का उपवास) की सफलता के बाद साधू -साध्वीवृंदों के दर्शन किए। तपस्वी रचना रांका ने तेरापंथ भवन में मुनिश्री कमलकुमारजी और मुनिश्री श्रेयांस कुमार के भी दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया। मुनिश्री कमल कुमार जी एक कविता भी सुनायी जो ऐसी तपस्या के उपलक्ष्य में बनाई गयी थी। इस दौरान उन्होंने सेवा केन्द्र की व्यवस्थापिका साध्वीश्री विशदप्रभाजी और साध्वीश्री लब्धियशाजी से आशीर्वाद प्राप्त किया।




साध्वीश्री विशदप्रभाजी ने रांका परिवार को धर्मसंघ के प्रति उनके समर्पण के लिए सराहा। उन्होंने कहा कि तपस्या एक बहुत बड़ी शक्ति है, जो केवल आत्मशक्ति और गुरु शक्ति से ही संभव है। साध्वीश्री लब्धियशाजी ने तप की अनुमोदना करते हुए कहा कि तपस्या में कोई प्रतिस्पर्धा या प्रलोभन काम नहीं करता, यह केवल प्रबल आत्मबल से ही संभव हो पाता है। साध्वीवृंदों ने इस मौके पर ‘तपस्या की महिमा’ शीर्षक से एक गीतिका का भी संगान किया।


समाजसेवी हनुमानमल रांका ने बताया कि रचना रांका ने आचार्यश्री महाश्रमणजी के आशीर्वाद और साध्वी श्री जिनबालाजी एवं साध्वी श्री करुणाप्रभाजी की प्रेरणा से यह मासखमण तप किया है। रचना रांका का पारणा और तप अनुमोदना का कार्यक्रम 24 अगस्त को भिनसार में आयोजित किया जाएगा।