श्वास में शांति, ध्यान में आनंद – आनापानसति ध्यान सत्र का सफल आयोजन



बीकानेर, 14 सितंबर। आधुनिक जीवन की भागदौड़ और तनाव से राहत पाने के लिए, प्रीति क्लब, बीकानेर ने माहेश्वरी सदन में एक विशेष आनापानसति ध्यान कार्यक्रम का आयोजन किया। इस सत्र का उद्देश्य लोगों को ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति और आंतरिक आनंद प्राप्त करने में मदद करना था।
मुख्य वक्ता और उनकी शिक्षाएं
कार्यक्रम में बेंगलुरु से श्रीमती मेनका बागड़ी और अहमदाबाद से श्रीमती शीलू करनाणी ने विशेष रूप से शिरकत की। दोनों वक्ताओं ने बेहद सहज और आत्मीय तरीके से आनापानसति ध्यान की विधि समझाई। उन्होंने बताया कि ‘आनापानसति’ का अर्थ केवल ‘सांस पर जागरूकता’ है। जब व्यक्ति आती और जाती श्वास पर साक्षी भाव से ध्यान केंद्रित करता है, तो उसका मन शांत होता है, तनाव दूर होता है और भीतर एक अद्भुत आनंद का अनुभव होता है। वक्ताओं ने ध्यान के लाभों को समझाने के लिए अपने निजी अनुभव भी साझा किए और श्रोताओं के प्रश्नों का सहजता से उत्तर दिया।




कार्यक्रम की सफलता और भविष्य की योजनाएं


क्लब अध्यक्ष गोपीकिशन पेड़ीवाल ने बताया कि सदस्यों ने इस कार्यक्रम में गहरी रुचि दिखाई, और ध्यान के बाद उनके चेहरे पर शांति और प्रसन्नता साफ झलक रही थी। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी की सराहना की।
सचिव रघुवीर झंवर ने, जिन्होंने कार्यक्रम का कुशल संचालन भी किया, कहा कि यह ध्यान साधना सभी के लिए बहुत लाभकारी होगी। उन्होंने कहा, “प्रतिदिन कुछ पल सांस पर सजग रहने से हमारा जीवन अधिक संतुलित, शांत और आनंदमय बनेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि प्रीति क्लब भविष्य में भी ऐसे समाजोपयोगी कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। कोषाध्यक्ष बृजमोहन चांडक ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए माहेश्वरी सदन ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बीकानेर के अनेक गणमान्य व्यक्ति और व्यवसायी प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सार यही था कि ध्यान सिर्फ एक साधना नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है, और श्वास पर सजग रहना ही सच्चे सुख और आत्मबल का मार्ग है।