तारादेवी बैद के संलेखना संथारे का 74वाँ दिन, अद्भुत मनोबल का उदाहरण



नवरात्रि अनुष्ठान जैनत्व को पुष्ट करने वाला है- मुनि कमलकुमार




गंगाशहर 25 सितम्बर । उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी के पावन सानिध्य में नवरात्रि के अनुष्ठान का क्रम व्यवस्थित चल रहा है। मुनिश्री के प्रवचन से पूर्व नियमित नमस्कार महामंत्र का जाप, भक्तामर, प्रेक्षाध्यान के पश्चात 8.51 से अनुष्ठान प्रारंभ होता है। अनुष्ठान के पश्चात मंत्रों की विस्तार से व्याख्या भी करवाते है। मुनिश्री ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी और आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के अवदानों में यह अवदान भी श्रावकत्व को उजागर करने वाला और अहिंसा संयम तप को बढ़ाने वाला हैं। आचार्य श्री तुलसी के दूरदर्शी चिंतन से जैनत्व के गहरे संस्कारों को देखने सुनने का जीने का अवसर मिल रहा है। रात्रिकालीन अनुष्ठान शांतिनिकेतन में सेवा केन्द्र व्यवस्थापिका साध्वी श्री विशद प्रज्ञाजी , साध्वीश्री लब्धयशाजी के सान्निध्य में व्यवस्थित चल रहा है। अनुष्ठान के साथ साथ ज्ञानवर्धक नित्य नये कार्यक्रम चल रहे हैं जिसमें सभी उत्साह से भाग ले रहे हैं।



गंगाशहर का सौभाग्य है कि यहां मुनि नमि कुमार जी ने 22, 23, 24, 39 व 40 की तपस्यायें करके सबको आश्चर्य चकित कर दिया। मुनि श्रेयांस कुभार जी ने भी 5,12,13 की तपस्या के साथ वर्षीतप प्रारंभ कर दिया और उसी के साथ धर्मचक्र व कंठीतप जैसी तपस्या करके नाना प्रकार के रोगों से पिंडा छुड़ा लिया वर्तमान में दीर्घ तपस्या चल रही है , आज तपस्या का 28वां दिन है। नवरात्रि काल तक तपस्या का पूर्ण विचार है, मुनिश्री का मनोबल प्रसंसनीय ही नहीं अनुकरणीय है। इस तपस्या में भी संथारा साधिका तारादेवी बैद को नियमित दर्शन देने गीत सुनाने पधारते है। आज भाई बहनों ने उपवास एकाशन के साथ माणकचन्द सामसुखा की धर्मपत्नी ने 9 दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। मुनिश्री नियमित रूप से सुबह वृहद् मंगलपाठ के साथ ही संथारा साधिका तारादेवी बैद धर्मपत्नी विजय कुमार बैद को दर्शन और प्रेरणा पाथेय देने पधारते है उस समय भाई बहनों की अच्छी उपस्थिति रहती है।

तारादेवी बैद के संलेखना संथारे का 74वाँ दिन, अद्भुत मनोबल का उदाहरण
गंगाशहर में संथारा साधिका तारादेवी बैद ने अपनी संलेखना तपस्या का 74वाँ दिन पूरा कर लिया है। उनके इस संकल्प और अद्भुत मनोबल ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है।
मुनि और साध्वियों का सानिध्य
मुनिश्री कमल कुमार जी प्रतिदिन सुबह तारादेवी बैद को दर्शन देने जाते हैं। वे उन्हें भजन और आध्यात्मिक प्रेरणा देते हैं। मुनिश्री उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के बारे में सवाल करते हैं, और उनके जवाब सुनकर सभी हैरान रह जाते हैं। आज जब मुनिश्री ने उनसे पूछा कि उनकी तपस्या का कौन-सा दिन चल रहा है, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया, “74वाँ दिन।” यह उनकी सजगता और दृढ़ता को दर्शाता है।
लोगों का निरंतर समर्थन
तारादेवी बैद के घर पर सुबह से रात तक लोगों का ताँता लगा रहता है, जो उन्हें देखने और उनका आशीर्वाद लेने आते हैं। उनका घर किसी धाम से कम नहीं लग रहा है। शाम को भजन गायकों के मधुर और वैराग्य से भरे गीत सभी को आकर्षित करते हैं। यह पूरा माहौल तपस्या, भक्ति और मानसिक शक्ति का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।मुनिश्री का भतीजा ,भतीजियां महेन्द्र , वर्षा, चारू, विनोद चैपड़ा, ललिता चैपड़ा, ललिता बोथरा, सुन्दरदेवी बैद, सरेन्द्र डागा आदि तो नियमित रहते है। आज विमल चोपड़ा, राजेन्द्र चोपड़ा आदि भी वहां उपस्थित थे।

