भगवान महावीर के समर्थ श्रावक विषय पर वृहद सेमिनार 27 अक्टूबर को बीकानेर में



बीकानेर, 23 अक्टूबर । ‘महावीर मेरा पंथ’ की ओर से आगामी 27 अक्टूबर, सोमवार को गंगाशहर के डागा पैलेस परिसर में “भगवान महावीर के समर्थ श्रावक” विषय पर एक वृहद सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। यह सेमिनार सुबह 8:30 बजे से 11:30 बजे तक आयोजित होगा, जिसके मुख्य वक्ता जैन धर्म व संस्कृति के ज्ञाता, ‘महावीर मेरा पंथ’ और ‘जैनीजम डॉट कॉम’ के संस्थापक सुरेन्द्र कुमार राखेचा होंगे। सेमिनार के समापन के बाद गौतम प्रसाद का आयोजन किया जाएगा।




‘स्व कल्याण से लोक कल्याण तक का मार्ग’ पर होगा प्रतिबोध



आयोजन से जुड़े राहुल जैन दफ्तरी ने बताया कि सेमिनार का विषय ‘समर्थ श्रावक’ है, जिसका अर्थ “स्व कल्याण से लोक कल्याण तक का मार्ग” है। मुख्य वक्ता राखेचा आत्म साधना और प्रभु भक्ति के सरलतम मार्ग पर प्रतिबोध देंगे। वे “कैसे बनें एक समर्थ श्रावक”, “प्रभु भक्ति एवं मंत्र साधना से आत्म साधना”, और “श्रावक जीवन जीते हुए सरलता से मोक्ष मार्ग पर कैसे बढ़ें” जैसे विषयों पर व्याख्यान देंगे। सेमिनार में जैन धर्म के मूल सिद्धान्तों, धर्म सूत्र, स्तोत्र और मंत्रों पर विशेष मार्गदर्शन दिया जाएगा, जिसमें पंडिताई का प्रदर्शन न होकर सहज व आम भाषा में संदेश दिया जाएगा।
देश के 50 शहरों से 600 प्रवासी श्रावक होंगे शामिल
राहुल जैन दफ्तरी ने बताया कि सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए पंजीयन (क्यूआर कोड के माध्यम से) अनिवार्य है और बिना पंजीयन प्रवेश निषेध रहेगा। इस सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए 25 और 26 अक्टूबर को देश के 50 शहरों से 600 प्रवासी श्रावक बीकानेर पहुँच रहे हैं। इनमें सूरत, दिल्ली, कोलकाता, लुधियाना, जम्मू, पूणे, इंदौर, शिखरजी तथा राजस्थान के विभिन्न जिलों के श्रावक शामिल हैं।
बिना लाभार्थी नाम के होगा आयोजन, समय सीमा का पूर्ण पालन
सेमिनार की एक खास बात यह है कि वर्तमान में धार्मिक आयोजनों में जहां लाभार्थी का नाम और महिमा मंडन होता है, वहीं इस सेमिनार में किसी भी लाभार्थी का नाम न लिखा जाता है और न ही मंच पर बोला जाता है। वक्ता ने बताया कि सेमिनार में समय सीमा की मर्यादा का पूर्ण पालन किया जाएगा और श्रोताओं का एक मिनट भी बर्बाद नहीं होगा। मुख्य वक्ता राखेचा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति भगवान महावीर की जीवनी का सूक्ष्मता से अध्ययन और आत्म साधना करके सभी सांसारिक समस्याओं और जन्म-जन्म के बंधन से मुक्त हो सकता है।

