महावीर स्वामी जिनालय में 14 नवंबर को चक्रेश्वरी देवी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा; गणिवर्य का 15 को फलौदी के लिए विहार


बीकानेर, 13 नवंबर। श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में बीकानेर में दो प्रमुख धार्मिक आयोजन होने जा रहे हैं। रांगड़ी चौक की बोहरों की सेहरी (गली) स्थित भगवान महावीर स्वामी के मंदिर में 14 नवंबर, शुक्रवार को चक्रेश्वरी देवी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा की जाएगी। यह प्रतिष्ठा गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला और शंखनिधि श्रीजी के सान्निध्य में होगी।
उपासरे के जीर्णोंद्धार के कारण स्थान परिवर्तन
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष हरीश नाहटा ने बताया कि देवी चक्रेश्वरी की प्राचीन प्रतिमा काफी समय से मंदिर के सामने के प्राचीन उपासरे में स्थापित थी। उपासरे के आगामी समय में मरम्मत और जीर्णोंद्धार कार्य को देखते हुए प्रतिमा का स्थान परिवर्तन मंदिर के अंदर किया जा रहा है।



गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर मुनि वृंद के साथ 15 को फलौदी के लिए विहार करेंगे
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर और बाल मुनि मीत प्रभ सागर 15 नवंबर को सुबह साढ़े पाँच बजे, डागा सेठिया, पारख चौक के महावीर भवन से फलौदी के लिए विहार करेंगे।



चातुर्मास का सफल समापन
खरतरगच्छ युवक परिषद के अध्यक्ष अनिल सुराणा ने बताया कि गणिवर्य का चातुर्मास धर्म-आध्यात्म की दृष्टि से अनुकरणीय रहा। इस चातुर्मास को सफल बनाने में श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास, खरतरगच्छ युवक व महिला परिषद के साथ ही जैन श्वेताम्बर तपागच्छ और पार्श्वचन्द्र गच्छ के श्रावक-श्राविकाओं का भी सक्रिय सहयोग रहा। सुराणा ने जानकारी दी कि गच्छाधिपति आचार्य प्रवर जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती गणिवर्य और मुनियों व दो साध्वियों का संबोधि चातुर्मास 2025 के लिए नगर प्रवेश 4 जुलाई 2025 को हुआ था। इस दौरान श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के सान्निध्य में अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवक परिषद की बीकानेर शाखा ने अनेक धार्मिक और आध्यात्मिक जागरूकता के सफल आयोजन किए।
साध्वी वृंद का प्रवास
खरतरगच्छ युवक परिषद के मंत्री विक्रम भुगड़ी ने बताया कि उदासर के कोठारी परिवार मूल की साध्वी दीपमाला ने 15 वर्ष के बाद मुंबई की शंखनिधि श्रीजी के साथ चातुर्मास किया। साध्वी द्वय कुछ माह ढढ्ढा चौक के इंद्रलोक में प्रवास करेंगी, जहाँ ज्ञान वाटिका के बालक-बालिकाओं के धर्म, शिक्षा और संस्कार के कार्यक्रम होंगे।








