रिटायर्ड बैंक कर्मचारी ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर 86 लाख की ठगी: CBI अफसर बनकर डराया, बुढ़ापे की जमा पूंजी लूटी


बीकानेर/अजमेर, 13 नवंबर। राजस्थान के अजमेर जिले के मदनगंज किशनगढ़ से साइबर ठगी का एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी को साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर इतना डराया कि पीड़ित ने अपने बुढ़ापे के लिए बचाई गई 86 लाख 70 हजार रुपए की पूरी जमा पूंजी उनके बताए खातों में ट्रांसफर कर दी।
‘मैं CBI अफसर बोल रहा हूँ’
75 वर्षीय पीड़ित संपतलाल माहेश्वरी ने मंगलवार को साइबर थाने में फ्रॉड केस की रिपोर्ट दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि 5 नवंबर को उन्हें वॉट्सएप पर पहले ‘जय हिंद’ का मैसेज आया, जिसके बाद कॉल आया। कॉलर ने खुद को दिल्ली में सीबीआई अफसर विजय कुमार बताया। ठग ने बुजुर्ग को डराया कि उनके नाम पर एक मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है। इसके बाद दूसरे कॉल में बताया गया कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के एक आरोपी सदाकत खान के पास से 200 एटीएम कार्ड मिले हैं, जिसमें एक कार्ड पीड़ित का भी है। इस बात को सुनकर बुजुर्ग और उनकी पत्नी बुरी तरह घबरा गए।


खौफ में तुड़वाई 18 फिक्स डिपॉजिट
पीड़ित ने बताया कि दो दिन बाद, 7 नवंबर को फिर उसी शख्स का कॉल आया। इस बार एक महिला ने नकली सीबीआई अधिकारी बनकर बात की और उन्हें दो साल की सज़ा और 5 लाख रुपये के जुर्माने की धमकी दी। ठगों ने उन्हें डिजीटली अरेस्ट कर लिया और किसी से बात न करने या घर से बाहर न निकलने की पाबंदी लगा दी। यहाँ तक कि उनके घर में लगे कैमरों को भी अपने मोबाइल से कनेक्ट कर लिया। जेल जाने और बदनाम होने के डर से, बुजुर्ग दंपत्ति ने ठगों के कहे अनुसार कार्रवाई की। उन्होंने अपनी करीब 18 फिक्स डिपॉजिट (FD) तुड़वा दी और उनसे निकले 86 लाख 70 हजार रुपये ठगों द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।










