गवाह को सरेआम पीटने वाले एक ही परिवार के 11 लोगों को उम्रकैद की सज़ा


बीकानेर, 26 नवंबर। नोखा (बीकानेर) के अपर सेशन न्यायाधीश मुकेश कुमार ने मंगलवार शाम को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए, मारपीट के एक मामले के गवाह पर सरेआम जानलेवा हमला करने वाले एक ही परिवार के 11 सदस्यों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। यह कठोर सज़ा न्याय प्रक्रिया में गवाहों के महत्व और सुरक्षा को रेखांकित करती है।
गवाह को डराने की साज़िश
अपर लोक अभियोजक (APP) राजा राम बिश्नोई ने बताया कि दोषी पाए गए 11 लोगों ने यह हमला गवाह जयसुखराम पर किया था, जो उनके बड़े भाई धूड़ाराम पर हुए हमले के मामले में गवाह थे। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि अभियुक्तों ने यह मारपीट गवाह को अदालत में स्वतंत्र रूप से साक्ष्य देने से मना करने (दबाव बनाने) और सबक सिखाने के लिए की थी। न्यायालय ने कहा कि गवाह की भूमिका न्याय के लिए महत्वपूर्ण है, और गवाह को धमकाने या पीटने से न्याय व्यवस्था प्रभावित होती है।



हमला और दोषियों की पहचान
यह भयावह घटना 12 फरवरी 2016 को हुई थी, जब जयसुखराम अपने बेटे राकेश के साथ तबीयत खराब होने के कारण पैदल ही हॉस्पिटल जा रहे थे। नोखा के चुंगी नाका सुजानगढ़ रोड पर पत्थरों के पीछे छिपे 11 अभियुक्तों ने उन्हें घेर लिया। उनके हाथों में कुल्हाड़ी और लाठियाँ थीं। इन लोगों ने जयसुखराम के पैरों पर कुल्हाड़ी से वार किया और लाठियों से सिर पर हमला किया। इस हमले में जयसुखराम के दोनों पैरों में 10 जगह फ्रैक्चर हो गए थे।



सजा पाने वालों में शामिल हैं:
छह सगे भाई: बृजलाल, शिवलाल, सोहनलाल, गोपीराम, रामकुमार, रामस्वरूप, अन्य तीन सगे भाई: देवीलाल, सुखदेव उर्फ सुखाराम, प्रदीप
दो अन्य भाई: सुन्दरलाल और मांगीलाल..
राहगीरों के शोर मचाने पर हमलावर उन्हें लहूलुहान छोड़कर भाग निकले थे। जयसुखराम को तत्काल पीबीएम हॉस्पिटल, बीकानेर रेफर किया गया था।








