हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद गरजी जेसीबी ने 150 से अधिक अतिक्रमण ध्वस्त किये


जोधपुर, 27 नवंबर । राजस्थान हाईकोर्ट के कड़े निर्देशों के बाद नगर निगम ने गुरुवार को एम्स रोड पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। इस कार्रवाई के दौरान, दाऊजी की होटल से लेकर एम्स अस्पताल के गेट नंबर 3 से 6 तक के क्षेत्र में 150 से अधिक अतिक्रमणों को ध्वस्त किया गया।
निगम की टीम ने की व्यापक कार्रवाई
निगम उपायुक्त ताराचंद वैंकट के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई, जिसमें सतर्कता प्रभारी जलज घसिया, सहायक प्रभारी रजनीश बारासा, अन्य अधिकारी, अतिक्रमण निरोधक दस्ते के कर्मचारी और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। अभियान में दो जेसीबी, दो डंपर, चार ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और तीन अन्य वाहनों का इस्तेमाल किया गया।



हटाए गए अतिक्रमण: निगम टीम ने ठेले, ढाबों का सामान, टीन शेड, टेबल-कुर्सियां, काउंटर, रेलिंग, बांस, टायर और चबूतरे सहित 150 से ज्यादा अवैध निर्माण और सामान को हटाया और जब्त किया।
मुनादी के बावजूद कार्रवाई
निगम की टीम पिछले दो दिनों से क्षेत्र में मुनादी कर रही थी, जिसके कारण कई अतिक्रमणकारियों ने अपना सामान पहले ही हटा लिया था। हालांकि, जिन अतिक्रमणों को नहीं हटाया गया, उन्हें जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर जब्त किया गया। कार्रवाई के दौरान निगम आयुक्त सिद्धार्थ पालानीचामी भी मौके पर पहुंचे। यह कार्रवाई जोधपुर में सार्वजनिक मार्गों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में हाईकोर्ट के सख्त रुख को दर्शाती है।



पार्किंग के बाहर खड़ी गाड़ियों को लेकर उठे सवाल
कार्रवाई के दौरान एम्स की पार्किंग के बाहर रोड पर खड़ी गाड़ियों का मसला भी सामने आया। पार्किंग ठेकेदार ने कहा- यहां रोज ऐसी ही स्थिति में गाड़ियां खड़ी होती हैं। निगम ने पुलिस की टीम को मौके पर बुलाया तो कुछ गाड़ियों के चालान भी काटे गए।
हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर तक अतिक्रमण हटाने के दिए थे निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट ने 13 नवंबर को स्थानीय प्रशासन को 9 दिसंबर के लिए तय करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए थे कि इस तारीख से पहले गेट नंबर 3 और 4 स्थित सभी अतिक्रमणकारियों को हटाया जाना जरूरी है। साथ ही AIIMS कैंपस के साथ-साथ पूरी मुख्य सड़क को भी अतिक्रमण मुक्त करना होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि इस रोड पर सुबह 7 से रात 11 बजे तक किसी भी भारी वाहन को चलने की अनुमति नहीं होगी।
जिला कलेक्टर को दी थी जिम्मेदारी
कोर्ट ने जिला कलेक्टर और अन्य सभी एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वे सुनिश्चित करें कि इस आदेश का सख्ती से पालन किया जाए। कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि अतिक्रमण हटाने और भारी वाहनों पर पाबंदी लगाने के निर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन हो।








