संतों का आध्यात्मिक मिलन, “संतों का मिलन उल्लासदायक” – मुनि रश्मि कुमार


साहूकारपेट, चेन्नई। चेन्नई के साहूकारपेट स्थित तेरापंथ भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री रश्मि कुमार जी (ठाणा -2) और मुनिश्री दीप कुमार जी (ठाणा -2) का आध्यात्मिक मिलन उल्लासमय वातावरण में संपन्न हुआ। यह प्रेरणादायी आयोजन तेरापंथी सभा चेन्नई द्वारा किया गया।



मुनि रश्मि कुमार का उद्बोधन
मुनिश्री रश्मि कुमार ने संतों के इस मिलन को उल्लासदायक बताते हुए कहा कि मुनि दीप कुमार जी से यह उनकी तीसरी मुलाकात है। उन्होंने मुनि दीप कुमार जी के गुणों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे सेवा भावी, मृदुभाषी, सहनशील और श्रमशील हैं। उन्होंने मुनि प्रियांशु कुमार जी को अपना बहुत बड़ा सहयोगी बताया और मुनि काव्य कुमार जी को अच्छा वक्ता और परिश्रमी कहा। मुनि श्री ने चेन्नई को दक्षिण का पुराना श्रद्धा का क्षेत्र बताते हुए, चेन्नई श्रावक समाज को अगले वर्ष लाडनूं में होने जा रहे योगक्षेम वर्ष में सेवा हेतु प्रेरित किया।



मुनि दीप कुमार जी ने दिया प्रेरणादायक संदेश
मुनि दीप कुमार जी ने इस मिलन को प्रेरणादाई और भाग्यशाली अवसर बताया। उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें जिन शासन प्राप्त हुआ और उसमें तेरापंथ जैसा धर्म संघ मिला, जहाँ एक सुगुरु (आचार्य श्री महाश्रमण जी) का साया है। मुनि श्री ने मुनि रश्मि कुमार जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे पुरुषार्थी, मधुर गायक, मंत्र विद और सेवा भावी हैं, जो गुड़ियातम का ऐतिहासिक चातुर्मास कर चेन्नई पधारे हैं। उन्होंने मुनि प्रियांशुजी को सेवा भावी और अपने सहयोगी मुनि काव्य कुमार जी को मेहनती बताया। मुनि श्री ने चेन्नई को श्रद्धालु क्षेत्र बताते हुए कहा कि चेन्नई के श्रावक समाज को साधु-संतों के बिना चैन नहीं मिलता।
कार्यक्रम का संचालन और उपस्थिति
विचार व्यक्त: मुनि प्रियांशु कुमार जी एवं मुनि काव्य कुमार जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
स्वागत: तेरापंथ महिला मंडल की महिलाओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
वक्ता: स्वागत भाषण तेरापंथ सभा भवन ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष मंगलचंद डूंगरवाल, तेरापंथी सभा चेन्नई के उपाध्यक्ष प्रवीण बाबेल, तेयूप चेन्नई उपाध्यक्ष हरीश भंडारी, अणुव्रत समिति उपाध्यक्ष स्वरूपचंद दांती ने दिया। विजयनगर बेंगलुरु के सभा अध्यक्ष मंगलचंद कोचर ने भी अपने विचार रखे।
संचालन: कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि काव्य कुमार ने किया।








