केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का किया उद्घाटन


बीकानेर, 6 दिसम्बर। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को महारानी उच्च माध्यमिक विद्यालय में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो, जोधपुर द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी ‘वंदे मातरम् की पुकार, श्रमिक सुरक्षा का विस्तार’ थीम पर आधारित है, जो ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने और देश में श्रमिक सुरक्षा के महत्व पर केंद्रित है। मेघवाल ने कहा कि यह प्रदर्शनी वन्दे मातरम् के 150 वर्ष और नए श्रम कानून के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने प्रधानमंत्री की पहल पर वन्दे मातरम् गीत को जन-जन तक पहुँचाने के लिए 150 वर्ष का जश्न मनाने की सराहना की और नागरिकों से इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।



डॉ. अंबेडकर का योगदान और सरकारी स्टॉल
मेघवाल ने इस अवसर पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रिड सिस्टम, रोजगार कार्यालयों की स्थापना, श्रमिक सुधार, गर्भवती महिला श्रमिकों के लिए मातृत्व अवकाश जैसे सुधारों के लिए बाबा साहेब को सदैव याद किया जाएगा। प्रदर्शनी में केंद्र व राज्य सरकार के नगर निगम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, भारतीय डाक विभाग, एसबीआई, और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सहित विभिन्न विभागों के स्टॉल भी लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से आमजन को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक अनुभव बैरवा ने बताया कि यहाँ बनाए गए 9 थीम आधारित ज़ोन “नए भारत” के संकल्प का जीवंत प्रतिबिंब हैं, जिनमें डिजिटल क्विज, वर्चुअल रियलिटी, और प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल सेल्फी पॉइंट जैसे युवाओं के लिए विशेष आकर्षण हैं। यह प्रदर्शनी 10 दिसंबर तक निशुल्क खुली रहेगी।



महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण
बीकानेर, 06 दिसंबर। भारतीय संविधान के शिल्पकार, भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर, केंद्रीय कानून एवं विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (एमजीएस विवि) में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। मेघवाल ने प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और विश्वविद्यालय परिसर में विधि विभाग के डॉ. अंबेडकर भवन के सामने पार्क में बरगद के पौधे का रोपण भी किया। इस दौरान विधि के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
विश्व अर्थशास्त्री और ज्ञान का प्रतीक
केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने इस अवसर पर कहा कि डॉ. अंबेडकर को केवल संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा के रूप में नहीं, बल्कि पूरे विश्व के महान अर्थशास्त्री के रूप में भी जाना जाना चाहिए। उन्होंने डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखित किताब “द प्रॉब्लम ऑफ रूपी” का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष संविधान दिवस (26 नवंबर) पर यूनेस्को के पेरिस मुख्यालय में डॉ. अंबेडकर की मूर्ति लगाई गई है। मेघवाल ने यह भी बताया कि कोलंबिया विश्वविद्यालय ने 300 साल के इतिहास का सर्वे करवा कर डॉ. अंबेडकर को सर्वाधिक प्रतिभावान छात्र मानते हुए परिसर में उनकी मूर्ति स्थापित की, जिसके नीचे “सिंबल ऑफ नॉलेज” (ज्ञान का प्रतीक) लिखा है।कुलगुरू आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि डॉ. अंबेडकर की मूर्ति विश्व के छह बड़े विश्वविद्यालयों में स्थापित होना एक बड़ी बात है और उन्होंने विद्यार्थियों को उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।








