एमएसएमई: 43 बी बनी व्यापारियों के गले की फांस

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर , 16 जनवरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल बजट में आयकर धारा 43बी की घोषणा की थी। इसमें एमएसएमई से खरीद के बाद उसका भुगतान 45 दिन में करना अनिवार्य है, यदि कोई एग्रीमेंट नहीं है तो 15 दिन में भुगतान करना पड़ेगा, अन्यथा बकाया भुगतान की राशि आपकी आय में जोड़ दी जाएगी।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

अब यह प्रावधान व्यापारियों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है। जिसकी वजह से बड़े खरीदार एमएसएमई से माल खरीदने से कतरा रहे हैं। फोर्टी टैक्स कमेटी के चेयरमैन डॉ. अभिषेक शर्मा ने बताया कि इन नये प्रावधानों के अनुसार आप 31 मार्च को केवल उन्हीं लेनदारों की राशि बकाया रख सकते है, जिन्हें सप्लाई किए 45/15 दिन से अधिक समय नहीं हुआ हो लेकिन ये व्यवहारिक नहीं है क्योंकि बहुत सी इकाइयां ऐसी हैं, जहाँ उत्पाद को प्रकृति ही ऐसो है, जिसमे खरीदार और आपूर्तिकर्ता के मध्य क्रेडिट पीरियड 45 दिन से ज़्यादा है।

pop ronak
kaosa

अतः आयकर अधिनियम की धारा 43बी में उन व्यापारियों को राहत दी जानी चाहिए, जो आपसो सहमति से क्रेडिट अवधि को 45/15 दिन से बढ़ाना चाहते है, अन्यथा एमएसएमई के स्थान पर खरीदार बड़ी इकाइयों को ज्यादा तवज्जो देंगे एवं केन्द्र सरकार का इस प्रावधान को लागू करने का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो पायेगा।

व्यापार उद्योग मण्डल , बीकानेर के अध्यक्ष मनमोहन कल्याणी का कहना है कि इस प्रावधान के पीछे सरकार का उद्देश्य एमएसएमई के हितों की रक्षा करना है, लेकिन वर्तमान में इसका विपरीत असर पड़ रहा है। इससे खरीदार बड़ी कंपनियां माल खरीदने के लिए भी लार्ज स्केल कंपनियों की ओर रुख कर रही हैं। इस प्रावधान में संशोधन की आवश्यकता है।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *