कषाय मुक्त आदमी का होता है बेड़ा पार’- मुनि श्री कमल कुमार


बीकानेर , 7 नवम्बर। तपो मूर्ति उग्र विहारी मुनि श्री कमल कुमार का आध्यात्मिक व्याख्यान शुक्रवार को बीकानेर स्थित रांगड़ी चौक के लाल कोठी के प्रांगण में आयोजित किया गया। मुनिश्री ने वहाँ उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कषाय मुक्त जीवन जीने की साधना करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्रोध, मान, माया और लोभ नामक चार कषायों ने व्यक्ति के जीवन को बिगाड़ दिया है, जबकि कषाय मुक्त आदमी ही सुखी रहता है और उसका बेड़ा पार होता है। मुनिश्री ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति तपस्या नहीं भी कर पाए, लेकिन यदि वह कषाय पर विजय प्राप्त कर लेता है, तो यह अपने आप में बहुत बड़ी साधना है। उन्होंने क्रोध के दुष्प्रभाव को बताते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को गुस्सा आता है, उससे परिवार सहित संपर्क में आने वाला हर व्यक्ति नाराज रहता है।



मुनिश्री कमल कुमार ने भगवान महावीर की साधना का उदाहरण दिया, जिसने चण्डकौशिक सर्प को भी शांत कर दिया था। उन्होंने अपने प्रवचन में अच्छे आचरण और ध्यान के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान से नहीं, बल्कि अच्छे आचरण और ध्यान से ही मनुष्य का निर्माण और कल्याण होता है, और चरित्रवान लोग बड़ों की आज्ञा में चलकर अपना कल्याण कर सकते हैं। इस अवसर पर मुनिश्री श्रेयांशकुमार ने कविता की प्रस्तुति दी। उल्लेखनीय है कि मुनि श्री कमल कुमार जी गंगाशहर में अपना ऐतिहासिक चातुर्मास संपन्न कर बीकानेर में संक्षिप्त प्रवास के लिए पधारे हैं।











