झोपड़े में लगी भीषण आग, अंदर सो रहे 7 लोगों ने बाल-बाल बचाई जान


बीकानेर, 1 दिसंबर। बीकानेर के ठुकरियासर गांव में रविवार देर रात एक बड़ा हादसा हो गया, जहाँ किसान रामस्वरूप नायक की ढाणी में बने दो झोंपड़ों में भीषण आग लग गई। हादसे के समय झोंपड़ों में परिवार के सात सदस्य सो रहे थे, जो गर्मी से नींद खुलने और चीख-पुकार मचने के कारण समय रहते बाहर निकलने से बाल-बाल बच गए।
पूरा घरेलू सामान जलकर राख
रात करीब एक बजे के बाद गांव की धोलिया की रोही में स्थित ढाणी में आग भड़की। रामस्वरूप, उनकी पत्नी, दो बच्चे, उनकी माता और दो भतीजे—ये सभी झोंपड़ों में सो रहे थे।
जान का बचाव: अचानक आग फैलने लगी तो महिलाओं के चिल्लाने पर सभी ने बच्चों को उठाकर बाहर की ओर दौड़ लगा दी और किसी प्रकार सुरक्षित बाहर निकल आए।
सामान का नुकसान: आग की लपटें इतनी तेज थीं कि दोनों झोंपड़े धू-धूकर जलते रहे। परिवार का एक भी सामान नहीं बच सका और सबकुछ राख हो गया।



दीपक या चूल्हे की चिनगारी से आग लगने की आशंका
किसान रामस्वरूप ने बताया कि उनके खेत में बिजली कनेक्शन नहीं है, इसलिए रात में सिर्फ एक दीपक जल रहा था।
आग का कारण: आशंका है कि या तो दीपक गिरा होगा या चूल्हे की कोई चिनगारी सूखे घास-फूस तक पहुंच गई होगी, जिससे आग भड़क उठी।
बड़ा नुकसान: रामस्वरूप ने बताया कि आग से उनका परिवार पूरी तरह टूट गया है। दो दिन पहले ही ग्वार बेचकर खरीदा गया 10 हजार रुपए का राशन, साथ ही 7-8 हजार रुपए नगद, अनाज, ग्वार, तिल, बाजरा, कपड़े, बिस्तर, बर्तन और जूते-चप्पल तक सबकुछ जल गया।
परिवार के सामने अब रोजमर्रा की जरूरतों का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।











