सादगी और संस्कार का अद्भुत उदाहरण: जोशी परिवार ने केवल ‘एक रुपया और एक नारियल’ स्वीकार कर रचा इतिहास


रायसिंहनगर, 13 दिसंबर। राजस्थान में दहेज के विरुद्ध एक अत्यंत प्रेरणादायी और अनुकरणीय उदाहरण रायसिंहनगर के सागरणी जोशी परिवार ने प्रस्तुत किया है। 30 नवंबर, 2025 (रविवार) को हेमन्त जोशी (सुपुत्र श्री सागर मणी जोशी) का विवाह पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ, जहाँ इस परिवार ने अपनी ऊँची संस्कारित परंपराओं की मिसाल कायम की।



दो लाख ग्यारह हजार की राशि लौटाकर एक रुपया स्वीकार
इस शुभ अवसर पर, वधू पक्ष की ओर से श्री रमेश कुमार जी उपाध्याय, बीकानेर ने अपनी सुपुत्री आरती के विवाह हेतु थाली में रु. 2,11,000/- (दो लाख ग्यारह हजार रुपए) की राशि भेंट कर अपनी श्रद्धा प्रकट की। किन्तु, जोशी परिवार ने विनम्रतापूर्वक यह बड़ी राशि लौटा दी और अपनी सादगी की मिसाल को कायम रखते हुए केवल ‘एक रुपया और एक नारियल’ दहेज स्वरूप स्वीकार किया। इसके अतिरिक्त, जोशी परिवार ने विवाह समारोह से जुड़ी रायसिंहनगर की सभी व्यवस्थाएँ भी स्वयं अपने द्वारा कीं।



समाज को प्रेरणादायी संदेश
सागर मणी जोशी जी ने अपने इस निर्णय से न केवल अपनी विनम्रता और आदर्श संस्कारों का प्रमाण दिया है, बल्कि समाज के लिए एक सशक्त और प्रेरणादायी संदेश भी दिया है। उनके इस कदम ने सिद्ध किया है कि सम्मान, संस्कार और मानवीय मूल्य धन-संपत्ति से कहीं अधिक श्रेष्ठ होते हैं।
श्री सागर मणी जोशी जी ने अपने विचारों और कर्मों से यह साबित कर दिया है कि असली महानता भौतिक प्रदर्शन में नहीं, बल्कि सरलता और सद्धरित्रता में निहित होती है। यह घटना उन परिवारों के लिए एक सबक है जो विवाह में आडंबर और दहेज को महत्व देते हैं।








