शरीर साधना, साध्य मोक्ष- बच्चों का शिविर और खीर एकासना रविवार को



बीकानेर, 27 सितंबर। गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी म.सा., मुनि मंथन प्रभ सागर जी, बाल मुनि मीत प्रभ सागर जी, साध्वी श्री दीपमाला व शंख निधि के सान्निध्य में शनिवार को ढढ्ढा चौक के इंद्रलोक में एक शिविर का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में, रविवार को बच्चों को धर्म से जोड़ने के उद्देश्य से दोपहर तीन बजे से चार बजे तक बच्चों का विशेष शिविर महावीर भवन में आयोजित किया जाएगा। शिविर के अलावा, खीर एकासना का भी आयोजन किया जाएगा।




गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी म.सा. ने शनिवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में अपने नियमित चातुर्मासिक प्रवचन में कहा कि हमें बड़े पुण्योदय से ही भगवान महावीर प्रभु का मंगलकारी शासन मिला है। उन्होंने कहा कि बिना पुण्य और पुरुषार्थ के हम धर्म, साधना, आराधना व प्रभु भक्ति नहीं कर सकते। धर्म करने की इच्छा भी पुण्योदय से होती है। गणिवर्य ने मानव शरीर के महत्व को बताते हुए कहा कि हमने हर योनि में शरीर धारण किया है, लेकिन यह मनुष्य भव हमें अशरीरी बनने के लिए मिला है। उन्होंने जोर दिया कि “शरीर साधना है, लेकिन साध्य तो मोक्ष है।”



इसके अतिरिक्त, खरतरगच्छ युवा परिषद (बीकानेर इकाई) और खरतरगच्छ महिला परिषद के संयुक्त तत्वावधान में दादा गुरु इकतीसे का सामूहिक पाठ शुरू किया गया है। खरतरगच्छाधिपति जिन मणिप्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की प्रेरणा से यह पाठ जैसलमेर में 6 से 8 मार्च 2026 को होने वाले वृहद चादर महोत्सव के तहत आयोजित हो रहा है। खरतरगच्छ महिला परिषद की उपाध्यक्ष सुशीला धारिवाल ने बताया कि रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में यह सामूहिक जाप 30 सितंबर तक नियमित रूप से 3 से 4 बजे तक किया जाएगा। खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष अनिल सुराणा और अन्य पदाधिकारियों ने श्रावक-श्राविकाओं से इस सामूहिक पाठ में अधिकाधिक भागीदारी की अपील की है।

