राजस्थान की लोक परंपराओं का संरक्षण आवश्यक

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लोकगायक छोटू खां गहलोत स्मृति विचार गोष्ठी
बीकानेर, 11 अगस्त। बीकानेर में आज बागेश्वरी साहित्य, कला, सांस्कृतिक विरासत संस्था, म्यूजिकल इमोशन ग्रुप और बीकानेर संगीत प्रशिक्षण संस्थान द्वारा सुदर्शना कला दीर्घा नागरी भंडार में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नगर की विभिन्न संस्थाओं ने प्रसिद्ध लोक कला गायक छोटू खां गहलोत को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, और वक्ताओं ने राजस्थान की लोक परंपराओं के समुचित संरक्षण की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।
लोक परंपराओं के संरक्षण पर जोर
कार्यक्रम के अध्यक्ष, कवि और कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि स्वर्गीय छोटू खां गहलोत लोक संगीत के प्रति समर्पित कलाकार थे। जोशी ने उनके द्वारा लोक परंपराओं को सहेजने के अनुकरणीय कार्य की सराहना की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ लेखक अशफाक कादरी ने छोटू खां को बहुआयामी कलाकार बताते हुए कहा कि लोक परंपराओं का संरक्षण ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। विशिष्ट अतिथि डॉ. अजय जोशी ने भी इस बात पर जोर दिया कि स्वर्गीय छोटू खां की स्मृति में राजस्थान की लोक धरोहर को सहेजना अत्यंत आवश्यक है।

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व्यक्तित्व और संगीत यात्रा पर प्रकाश

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बागेश्वरी संस्था के अध्यक्ष अब्दुल शकूर सिसोदिया ने स्वर्गीय छोटू खां के व्यक्तित्व और कृतित्व पर पत्रवाचन किया। संगीत प्रशिक्षण संस्थान के अध्यक्ष अहमद बशीर सिसोदिया ने छोटू खां की संगीत यात्रा पर प्रकाश डाला, जिसमें उनके योगदान और प्रभाव को रेखांकित किया गया।

कार्यक्रम में डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, कवि विप्लव व्यास, जामी एकेडमी के अलीमुद्दीन जामी, पर्यटन लेखक संघ के डॉ. जियाउल हसन कादरी, चंद्रशेखर सांवरिया, मो. सलीम सिसोदिया, मो. फारुख सुलेमानी, मो. जफर खान, मो. रजाक, आंशिक अली, सिकंदर अहमद तोसिफ, खुर्शीद अहमद, तालिब हिंदुस्तानी, मोहसिन भियानी, अकबर, बाबूलाल, मुकेश शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
शबरंग संस्थान के सचिव राजाराम स्वर्णकार ने कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। यह गोष्ठी लोक कला और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही।

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