श्री जैन कन्या पी.जी. महाविद्यालय में संविधान दिवस का आयोजन


- ‘कर्तव्यों’ को अपनाने पर ज़ोर
बीकानेर, 26 नवंबर। गुलामी की जंजीरों को तोड़कर आजाद भारत को नई दिशा देने वाले भारतीय संविधान के 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत होने के उपलक्ष्य में, आज श्री जैन कन्या पी.जी. महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (रासेयो) यूनिट्स के द्वारा संविधान दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्राचार्या डॉ. संध्या सक्सेना के निर्देशन में संपन्न हुआ।
संविधान के मूल्यों पर उद्बोधन
कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. राजेंद्र जोशी, डॉ. पी. आर. तोषनीवाल, और डॉ. पंकज दाधीच ने माँ भारती की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।
डॉ. राजेंद्र जोशी ने अपने उद्बोधन में छात्राओं को अधिकारों से पहले कर्तव्यों को अपनाने की बात कही, जिससे संविधान का वास्तविक रूप साकार हो सके।
डॉ. धनपत जैन ने छात्राओं से सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाते हुए नियमानुसार जीवन जीने का आह्वान किया। स्वयं सेविकाओं लवीना और प्रीति ने संविधान में निहित स्वतंत्रता और समानता के महत्व को समझाया।
डॉक्यूमेंट्री और पुरस्कार
रासेयो प्रभारी विशाल सोलंकी ने स्वयंसेविकाओं को संविधान की निर्माण प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, छात्राओं को संविधान निर्माण से पूर्व इसकी तैयारी पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई, ताकि वे ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को समझ सकें। कार्यक्रम के दौरान संविधान के विभिन्न विषयों पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता की विजेताएँ—प्रीति दैया, चारु मदान, अलवीरा खान और स्वाति गहलोत—को पुरस्कृत किया गया। रासेयो प्रभारी पल्लवी चौहान ने संविधान की उद्देशिका (प्रस्तावना) का वाचन किया और कार्यक्रम का सफल मंच संचालन किया।











