फ्रांस में 9 दिसंबर को बिजली की कीमत शून्य: अत्यधिक उत्पादन और कम खपत ने पैदा की ‘सरप्लस’ समस्या


पेरिस, 11 दिसंबर। फ्रांस में 9 दिसंबर को कुछ घंटों के लिए बिजली की कीमत शून्य हो गई, यानी उपभोक्ताओं को उन घंटों में बिजली का इस्तेमाल करने के लिए कोई भुगतान नहीं करना पड़ा। यह स्थिति फ्रांस में बिजली के अत्यधिक उत्पादन (सरप्लस) और खपत में अप्रत्याशित कमी के कारण उत्पन्न हुई। ब्लूमबर्ग के अनुसार, यूरोप के ‘डे-अहेड’ मार्केट में, जहाँ अगले दिन की कीमत एक दिन पहले तय होती है, 9 दिसंबर को बिजली की डिमांड बेहद कम थी, जबकि उत्पादन काफी ज्यादा हो गया था।



डिमांड कम होने का मुख्य कारण मौसम का गर्म होना था, जिससे हीटिंग की आवश्यकता नहीं पड़ी। साथ ही, इंडस्ट्री ने भी सामान्य से कम बिजली का उपयोग किया। इसके विपरीत, बिजली का उत्पादन बढ़ा हुआ था क्योंकि तेज हवाओं के चलते विंड टर्बाइन से बनने वाली बिजली का प्रोडक्शन बढ़ गया था। इसके अलावा, न्यूक्लियर प्लांट और सोलर पावर से भी लगातार सप्लाई आ रही थी, जिसके चलते कुल उत्पादन क्षमता से अधिक हो गया। ऐसी स्थिति में, ग्रिड में सामान्य सप्लाई बनाए रखने के लिए जानबूझकर कीमतें गिराई जाती हैं, ताकि बिजली की डिमांड बढ़ सके।



न्यूक्लियर एनर्जी का किंग और ग्रीन सप्लाई
फ्रांस लंबे समय से बिजली सरप्लस की समस्या से जूझ रहा है। वहां के बिजली ऑपरेटर आरटीई (RTE) ने घोषणा की है कि फ्रांस अब बिजली की ओवर कैपेसिटी के दौर में आ गया है। इस समस्या के समाधान के लिए कंपनी ने यूरोप में इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा देने की मांग की है, ताकि अतिरिक्त बिजली को बेचा जा सके। उल्लेखनीय है कि फ्रांस में बनने वाली लगभग पूरी बिजली ग्रीन एनर्जी की श्रेणी में आती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है।
97% बिजली क्लीन एनर्जी से
न्यूक्लियर एनर्जी के अलावा, फ्रांस में बिजली उत्पादन के अन्य प्रमुख स्रोत भी रिन्युएबल एनर्जी हैं। वर्ल्ड न्यूक्लियर एसोसिएशन के आँकड़ों के मुताबिक, न्यूक्लियर के अलावा 14% बिजली हाइड्रो पावर (पानी से), 8% विंड एनर्जी (पवन ऊर्जा), 4% सोलर एनर्जी (सौर ऊर्जा), 3% नैचुरल गैस और 2% बॉयोफ्यूल से बनाई जाती है। इस प्रकार, फ्रांस की लगभग 97% बिजली क्लीन या ग्रीन एनर्जी की श्रेणी में आती है।
फ्रांस अपनी कुल बिजली का लगभग 70% हिस्सा न्यूक्लियर एनर्जी से प्राप्त करता है और यह दुनिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर बिजली उत्पादक देशों में से एक है। यह देश दुनिया में बिजली का सबसे बड़ा नेट एक्सपोर्टर भी है, जिसका मुख्य कारण वहां बिजली पैदा करने की कम लागत है। वर्ल्ड न्यूक्लियर एसोसिएशन के अनुसार, फ्रांस हर साल बिजली के निर्यात से 3 बिलियन यूरो से अधिक कमाता है।
Electricity prices in France temporarily dropped to zero — consumers got power for free
On December 8, electricity prices on France’s day-ahead market fell to zero, meaning that for several hours power was effectively free. Bloomberg reported the development.
The reason was a… pic.twitter.com/janKtHnLw5
— NEXTA (@nexta_tv) December 9, 2025








