चेन्नई में ‘थिंक डिफरेंट’ वर्कशॉप के प्रथम चरण का सफल आयोजन

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025
  • ग्रोथ के लिए नई सोच, नए चिन्तन की बने अवधारण – मुनि मोहजीतकुमार

चेन्नई, 25 मई (स्वरूप चन्द दाँती)। तेरापंथ सभा, किलपॉक, चेन्नई के तत्वावधान में रविवार को प्रिंस गेलड़ा गार्डन में आयोजित ‘थिंक डिफरेंट’ वर्कशॉप के प्रथम चरण में “विकास की सौगात, प्रकटे नव प्रभात” विषय पर प्रेरणादायी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की शुरुआत नमस्कार महामंत्र के समुच्चारण से हुई। मुनि भव्यकुमारजी ने मंगलाचरण संग संगीत प्रस्तुति दी।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

मुनि मोहजीतकुमारजी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा, “संसार के अनन्त आकाश को देखने के लिए धरती की सीमाओं से बाहर निकलना होगा। नर्सरी का पौधा सीमित होता है, जबकि जंगल का पौधा असीम विकास करता है। उसी प्रकार व्यक्ति को व्यक्तिगत के साथ पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक विकास के लिए नई सोच और नए चिंतन की अवधारणाओं को अपनाना चाहिए।”

pop ronak
kaosa

उन्होंने कहा कि नवीनता की ओर बढ़ते हुए अतीत की स्मृतियों को साथ लेकर ग्रोथ प्राप्त की जा सकती है। विकास के मार्ग में संवेगों पर नियंत्रण, सहिष्णुता और सामंजस्य की आवश्यकता है। करुणा की चेतना जागृत कर ही सत्य के सत्व को प्राप्त किया जा सकता है। मुनिप्रवर ने आगे यह भी कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्यों ने समय के अनुसार परिवर्तन कर संघ को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

‘विकास’ शब्द का अर्थ समझाया
मुनि जयेशकुमारजी ने विषय पर विशेष प्रस्तुति देते हुए ‘विकास’ शब्द का सारगर्भित विश्लेषण प्रस्तुत किया:

वि – विवेक: हर कार्य में विवेक होना चाहिए। विवेकशील साथी, चाहे उनकी बात कभी-कभी कटु लगे, प्रेरणा और सन्मार्ग दिखाते हैं।

का – काल: भगवान महावीर ने कहा “काले कालं समायरे” – हर कार्य को समय पर करना ही सफलता की कुंजी है। समय अमूल्य है और उसकी प्राथमिकता के अनुसार उपयोग आवश्यक है।

– सकारात्मक दृष्टिकोण: ऊर्जा को सही दिशा में केंद्रित कर सकारात्मक सोच के साथ आत्मविकास किया जाना चाहिए। स्वयं को खुश रखने के लिए पॉजिटिव दृष्टिकोण जरूरी है।

सभा मंत्री विजय सुराणा और विजयराज कटारिया ने भी अपने विचारों से कार्यशाला को समृद्ध किया। यह कार्यक्रम मुनिश्रियों के निर्देशन में न केवल बौद्धिक प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि आत्मविकास और सामाजिक योगदान के नए रास्ते भी खोले।

 

 

 

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *