पीएम मोदी की ‘आतंकवाद’ वाली टिप्पणी पर गहलोत ने कहा कि मोदी ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, वे घबरा गए हैं

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025


जयपुर , 10 नवम्बर।
राजस्थान में अब विधानसभा चुनाव बिल्कुल सिर पर हैं। 25 नवंबर को अधिक दिन बाकी नहीं रह गए। इधर, जनता की नब्ज़ टटोलने और जनमत को अपने पक्ष में करने को लेकर तमाम नेताओं और दलों द्वारा भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में उदयपुर में पीएम मोदी की वह टिप्पणी सीएम अशोक गहलोत को चुभ गई, जिसमें उन्होंने “कांग्रेस पर आतंकवादियों से सहानुभूति रखने” का आरोप लगाया। सीएम गहलोत ने पीएम मोदी की भाषा को आपत्तिजनक बताया और कहा कि शायद वह (पीएम मोदी) घबरा गए हैं।
पीएम मोदी के बयान पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा, “किसी ने प्रधानमंत्री को गुमराह किया है या उन्हें ठीक से जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने कल जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह लोकतंत्र में आपत्तिजनक है।”

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा, “यह भी हो सकता है कि वह राजस्थान के माहौल से घबरा गए हों और इसीलिए इस तरह के बयान दे रहे हों। बीजेपी के लोगों ने ही कन्हैया लाल की हत्या की। हमने (कन्हैया लाल की हत्या में) आरोपियों को 2 घंटे के अंदर पकड़ लिया था, फिर भी एनआईए ने उसी दिन केस ले लिया लेकिन हमने कोई आपत्ति नहीं ली।”
उन्होंने आगे कहा, “अब एनआईए को सामने आकर मामले की जानकारी देनी चाहिए। मैं पीएम से अनुरोध करूंगा कि वे ऐसी भाषा का इस्तेमाल न करें। हम विचारधारा पर चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें इसे यहीं तक सीमित रहने देना चाहिए।”

pop ronak
kaosa

दरअसल, बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उदयपुर में एक रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा, “यहां कांग्रेस की सरकार है इसलिए पीएफआई जैसे आतंकवादी संगठन बेखौफ होकर रैलियां निकालते हैं।”

इसके आगे उन्होंने कहा, “आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाली कांग्रेस सरकार राजस्थान को बर्बाद कर देगी। क्या हम राजस्थान को बर्बाद होने देंगे? राजस्थान के कई इलाकों से गरीबों के पलायन की कहानियां आनी शुरू हो गई हैं। अगर यहां कांग्रेस की सरकार बनी रही तो ये और बढ़ेगा।”

गौरतलब है कि 25 नवंबर को राजस्थान की सभी विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। कांग्रेस और भाजपा इस बार भी राज्य में एक सीधी लड़ाई में हैं। दोनों ही दलों की आपसी कलह किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि, कौन सी पार्टी अंदरूनी लड़ाई को लड़ते हुए भी बड़ी लड़ाई जीतने में कामयाब होती है।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *